अमेरिका ने पन्नू की हत्या की साजिश में लिया था नाम, दिल्ली की अदालत ने RAW के पूर्व अफसर के खिलाफ जारी किया NBW
दिल्ली की एक अदालत ने पन्नू हत्याकांड की साजिश को लेकर अमेरिकी जांच में नाम आने के तीन सप्ताह बाद पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया. अदालत ने यह वारंट जबरन वसूली और अपहरण से जुड़े मामले में जारी किया था. इसको लेकर रोहिणी निवासी शख्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने यादव को 18 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया था.

दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. विकास यादव को अमेरिका ने हाल ही में खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश में साजिशकर्ता के रूप में नाम लिया था. अदालत ने कहा कि यादव बार-बार बुलाने के बावजूद कथित अपहरण और जबरन वसूली के मामले में अदालत के समक्ष पेश नहीं हुए.
पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ प्रताप सिंह लालर ने सोमवार को जारी एक आदेश में कहा कि यादव से जुड़े मामले की आज सुनवाई होनी थी, लेकिन वह सुबह से ही अनुपस्थित थे. इसलिए, आरोपी विकास यादव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है. अदालत ने ये भी कहा ािक विकास के जमानतदार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 491 (जमानत जब्त होने की प्रक्रिया) के तहत 17 अक्टूबर को अदालत में हाजिर होने के लिए नोटिस दें.
जान का खतरा बता ली थी जमानत
सूत्रों के मुताबिक विकास यादव के मामले में आरोपी रॉ अफसर का एक पारिवारिक सदस्य जमानतदार है. दिल्ली पुलिस ने विकास को अमेरिकी अधिकारियों द्वारा पन्नू मामले में यादव का नाम दर्ज किए जाने के तीन सप्ताह बाद किया था. पुलिस द्वारा आरोप पत्र दायर किए जाने के बावजूद यादव और उनके एक कथित सहयोगी को रोहिणी मामले में अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया था.
इस बीच यादव ने दिल्ली की अदालत में "अपनी जान को खतरा" बताते हुए पेशी से छूट की अर्जी दी थी, जिसे मंजूरी मिल गई थी. लेकिन उन्होंने सोमवार को कोई नया आवेदन नहीं दिया, जिसके बाद अदालत को एनबीडब्लू जारी करनी पड़ी. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार जांच अधिकारी द्वारा संपर्क करने पर यादव के वकील आर.के. हांडू ने सुनवाई की पुष्टि की, लेकिन कहा कि उन्हें गैर-जमानती वारंट (NBW) के बारे में जानकारी नहीं है.
इससे हपले 11 अगस्त को द इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट दी थी कि जांचकर्ता यादव को दुबई में महादेव ऑनलाइन बुक सट्टेबाजी रैकेट के एक कथित सदस्य से भी जोड़ रहे हैं. यादव के कथित सहयोगी अब्दुल्ला खान ने अदालत में अपने पासपोर्ट की अवधि बढ़ाने के लिए एक अर्जी दी थी.
अर्जी में दावा किया गया था कि उनके पिता को रक्त कैंसर है, जिसके लिए उन्हें अतिरिक्त चिकित्सा सलाह के लिए दुबई, सिंगापुर और यूके जाना होगा. अदालत ने कहा, "दिए गए तर्कों के मद्देनजर पासपोर्ट जारी करने की अवधि अगली सुनवाई की तारीख 17 अक्टूबर तक बढ़ाई जाती है.