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'चीन ने 2,000 किमी ज़मीन हड़पी, ये आपको कैसे पता?', राहुल गांधी को SC से कड़ी फटकार, लेकिन मानहानि केस पर सुनवाई पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को उनके बयान कि चीन ने 2,000 वर्ग किमी भारतीय भूमि पर कब्जा कर लिया पर कड़ी फटकार लगाई और पूछा कि यह जानकारी उन्होंने कहां से पाई. कोर्ट ने पूछा, “क्या आप वहां थे? आपके पास क्या प्रमाण है?” हालांकि कोर्ट ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी.

चीन ने 2,000 किमी ज़मीन हड़पी, ये आपको कैसे पता?, राहुल गांधी को SC से कड़ी फटकार, लेकिन मानहानि केस पर सुनवाई पर रोक
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( Image Source:  ANI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 4 Aug 2025 12:34 PM

कांग्रेस नेता और नेता विपक्ष राहुल गांधी को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से उस वक्त जोरदार फटकार लगी, जब उन्होंने अपने 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान दिए गए एक बयान में दावा किया था कि चीन ने लद्दाख में 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है.

इस टिप्पणी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल स्थगित कर दिया, लेकिन साथ ही राहुल गांधी से यह भी पूछा कि उन्होंने यह जानकारी आखिर किस आधार पर दी? न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ ने कांग्रेस सांसद की टिप्पणी पर सख्त नाराज़गी जताते हुए कहा, "अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो ऐसा बयान क्यों देंगे?"

'क्या आप वहां थे? आपके पास क्या सबूत हैं?'

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राहुल गांधी से यह भी पूछा, "क्या आप वहां मौजूद थे? क्या आपके पास कोई विश्वसनीय प्रमाण है कि चीन ने 2,000 किमी की ज़मीन कब्जा ली है?" कोर्ट ने साफ तौर पर इशारा किया कि इस तरह के आरोप लगाने से पहले तथ्यों और संवैधानिक जिम्मेदारियों का ख्याल रखना जरूरी है.

'अगर विपक्ष ऐसा न बोले, तो फिर बोले कौन?'

राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि अगर नेता विपक्ष को सरकार पर सवाल उठाने की इजाजत नहीं दी जाएगी, तो फिर लोकतंत्र का क्या अर्थ रह जाएगा. इस पर जस्टिस दत्ता ने पलटकर कहा, "तो फिर संसद में जाकर ऐसे बयान क्यों नहीं देते?"

सुप्रीम कोर्ट ने केस पर नोटिस जारी किया

हालांकि कोर्ट ने राहुल गांधी को तुरंत राहत दी और उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा कि वह राहुल गांधी की याचिका पर विचार करेगा. कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख तय की है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका

इससे पहले मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने विशेष अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' का मतलब यह नहीं कि आप सेना को बदनाम करने वाले बयान दें.

क्या था मामला?

यह मामला दिसंबर 2022 में दिए गए राहुल गांधी के उस बयान से जुड़ा है जिसमें उन्होंने गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद सरकार पर चीन के आगे 'सरेंडर' करने का आरोप लगाया था. यह बयान सबसे पहले एक वकील उदय शंकर श्रीवास्तव ने आपत्तिजनक मानते हुए कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी.

राहुल गांधी अपने बयान पर अड़े

राहुल गांधी ने न केवल इस बयान को दोहराया बल्कि जनवरी 2023 में श्रीनगर में कहा, "मैं बार-बार कहता हूं... सरकार जिस तरीके से चीन के कब्जे से इनकार कर रही है, वह बहुत खतरनाक है. चीन हमारी जमीन पर बैठा है और हमें यह स्वीकार नहीं करना चाहिए."

बीजेपी ने राहुल गांधी को 'हमेशा भ्रमित रहने वाला नेता' करार दिया और कहा कि वह कांग्रेस के शासनकाल जैसी ही 'सरेंडर' की नीति चाहते हैं. भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा कि राहुल गांधी के ऐसे बयान देश की सुरक्षा और सेना के मनोबल पर प्रतिकूल असर डालते हैं.

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