चुनाव आयोग की ईमानदारी पर 6 सवाल! राजीव कुमार ने अपने अंतिम प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए सबके जवाब
Delhi Assembly Election 2025: चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने कहा कि ईवीएम और मतदाता सूची से छेड़छाड़ कभी संभव नहीं होगी.

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है, जहां वोटिंग 5 फरवरी को तो रिजल्ट 8 फरवरी को आएगा. इस दौरान चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने भारत में चुनावी प्रक्रिया पर उठाए गए सवालों का जवाब भी दिया.
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए राजीव कुमार ने चुनावी मौसम के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में धोखाधड़ी और मतदाता सूची (ER) से छेड़छाड़ के आरोपों के बारे में बात की.
राजीव कुमार ने चुनाव आयोग पर लगाए जाने वाले 6 मुख्य आरोपों का जवाब दिया-
- ER में गलत तरीके से लोगों को जोड़ना या हटाना
- EVM में हेरफेर
- शाम 5 बजे से बढ़ जाता है VTR
- कुछ विधानसभा क्षेत्रों में डाले गए और गिने गए वोटों में अंतर
- गिनती के धीमा होने का आरोप
- पारदर्शिता को प्रतिबंधित करने के लिए नियम बदले गए
CEC राजीव कुमार ने क्या कहा?
राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग के चुनावी प्रक्रिया को आने वाले रिजल्ट से नहीं जोड़ा जा सकता है. वोटर लिस्ट के बारे में उन्होंने कहा कि जब भी मतदाता सूची बनाई जाती है तो कई प्रक्रियाएं होती हैं, जिनके माध्यम से पार्टियां, उम्मीदवार चुनाव निकाय के पास रहते हैं.
उन्होंने कहा कि नियमित बैठकें होती हैं और फॉर्म 6 के बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता और प्रत्येक पार्टी को बीएलए नियुक्त करने का अधिकार है. उन्होंने कहा, 'सभी दावे और आपत्तियां सभी राजनीतिक दलों के साथ शेयर की जाती हैं, फॉर्म 7 के बिना कोई भी डिलीशन नहीं किया जा सकता है.'
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) पर आरोप लगाए जाने पर उन्होंने कहा कि मतदान के दिन से 7-8 दिन पहले ईवीएम चालू कर दिए जाते हैं और एजेंट मॉक पोल कर सकते हैं. सीईसी ने कहा, टउसी दिन नई बैटरी लगाई जाती है और ईवीएम को स्ट्रांग रूम में जमा कर दिया जाता है और एजेंटों के सामने सील कर दिया जाता है.'
राजीव कुमार ने स्पष्ट किया कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता, साथ ही कहा कि इसमें अविश्वसनीयता या किसी खामी का कोई सबूत नहीं है. राजीव कुमार ने कहा कि ट्रोजन हॉर्स को सक्रिय करके नतीजों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, 'ईवीएम मतगणना के लिए पूर्ण प्रमाणिक उपकरण है और इसमें छेड़छाड़ के आरोप निराधार हैं.'
मतदान प्रतिशत में हेराफेरी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि मतदान प्रतिशत में बदलाव करना असंभव है. उन्होंने कहा कि शाम 5 बजे के बाद वोटिंग प्रतिशत में वृद्धि की बात भ्राम फैलाने जैसा है. उन्होंने कहा कि ईवीएम में डाले गए वोटों का मिलान फार्म 17सी के साथ मतदान एजेंटों के पास उपलब्ध है, जबकि डाक मतपत्रों के आंकड़े वोटर टर्नआउट ऐप पर उपलब्ध नहीं हैं.