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आप भी बनवाना चाहते हैं अपने बच्चे का पासपोर्ट, तो जान लें यह नया नियम
New Passport Rules: देश में पासपोर्ट बनवाने के नए नियम जारी कर दिए गए हैं. अब 1 अक्टूबर 2023 को या उसके बाद पैदा हुए लोगों के लिए बर्थ सर्टिफिकेट ही जन्म तिथि का एक मात्र प्रमाण पत्र माना जाएगा. यह नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएगा. इस कदम का उद्देश्य पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया को आधुनिक और आसान बनाना है.

( Image Source:
CANVA )
New Passport Rules: किसी भी विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट होना अनिवार्य है. अब भारत सरकार ने पासपोर्ट से जुड़े नियमों में बदलाव किया है, जिससे सत्यता पर जोर दिया गया है. 1 अप्रैल 2025 से पासपोर्ट अप्लाई करने के लिए नए नियमों को लागू हो जाएंगे. इसके तहत 1 अक्टूबर 2023 को या उसके बाद पैदा हुए नागरिकों के लिए बर्थ सर्टिफिकेट ही जन्म तिथि का एक मात्र ऑथेंटिक आईडी कार्ड माना जाएगा.
जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने इस सप्ताह पासपोर्ट नियम 1980 में संशोधन को लागू करने के लिए एक आधिकारिक नोट जारी किया गया. अधिकारियों ने बताया कि आधिकारिक राजपत्र में संशोधन प्रकाशित होने के बाद नए नियम लागू हो जाएंगे. इसलिए पासपोर्ट अप्लाई करने से पहले नियमों को जान लेना आपके लिए अच्छा होगा.
पासपोर्ट के नए नियम
- नए नियम के अनुसार, 1 अक्टूबर 2023 को या उसके बाद पैदा हुए लोगों को जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार, नगर निगम, या जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत किसी भी प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र सबमिट करना होगा. इस कैटेगरी के लिए कोई और आईडी स्वीकार नहीं की जाएगी.
- पासपोर्ट नियमों में लंबे समय से जन्म तिथि से जुड़े नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया था, क्योंकि कई नागरिकों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है.
- सरकार ने अब जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 को लागू करने के लिए एक कड़ा कदम उठाया है, जिससे कुछ आवेदकों के लिए जन्म प्रमाण पत्र ही जन्म तिथि का एकमात्र आईडी प्रूफ मान्य होगा.
- नियमों में ट्रांसफर सर्टिफिकेट, स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, मैट्रिकुलेशन, पेन कार्ड, सरकारी कर्मचारियों के लिए सर्विस रिकॉर्ड या पेंशन ऑर्डर, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड और एलआईसी या पब्लिक कंपनियों की ओर से जारी पॉलिसी बॉन्ड का ऑप्शन दिया गया है.
- इस कदम का उद्देश्य पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया को आधुनिक और आसान बनाना है.
- सरकार ने डाकघरों के माध्यम से संचालित डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्रों (पीओपीएसके) की संख्या बढ़ाने की भी योजना बनाई है.
- भारत सरकार ने अगले पांच सालों में 'पासपोर्ट सेवा केंद्र' की संख्या 442 से बढ़ाकर 600 करने की घोषणा की है. पीओपीएसके के जरिए ही पासपोर्ट सेवाओं की पहुंच के लिए विदेश मंत्रालय (एमईए) और डाक विभाग के बीच एक समझौता (एमओयू) को किया गया है.
- सरकार ने 26 जनवरी, 1989 को जन्म प्रमाण पत्र को अनिवार्य कर दिया था इसके बाद 2016 में पासपोर्ट नियमों में बदलाव करके इसे हटा दिया गया था.