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अमेरिका से डिपोर्ट हुए गुजरात के पटेल कैसे बन गए पाकिस्तानी? शख्स ने खोले पासपोर्ट के राज

गुजरात के एसी पटेल ने अमेरिका जाने के लिए पाकिस्तानी पहचान अपनाई, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया और भारत भेज दिया. दिल्ली पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. यह मामला अवैध अप्रवासन और मानव तस्करी की गंभीरता को दर्शाता है, जहां लोग जोखिम भरे तरीकों से विदेश जाने की कोशिश करते हैं.

अमेरिका से डिपोर्ट हुए गुजरात के पटेल कैसे बन गए पाकिस्तानी? शख्स ने खोले पासपोर्ट के राज
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( Image Source:  meta ai )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 10 Nov 2025 3:23 PM IST

गुजरात के एसी पटेल ने अमेरिका में घुसने के लिए अपनी पहचान बदलकर खुद को पाकिस्तान का मोहम्मद नजीर हुसैन बना लिया, लेकिन यह छलावा ज्यादा देर तक नहीं टिक पाया. अमेरिकी अधिकारियों ने इस धोखाधड़ी को पकड़ लिया और पटेल का भंडाफोड़ हो गया. इसके बाद उन्हें 12 फरवरी को फ्लाइट AA-292 से भारत वापस भेज दिया गया, जहां दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया.

अमेरिका में अवैध अप्रवासियों पर शिकंजा कसने की मुहिम तेज हो गई है. खासकर, डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकाल के बाद से अमेरिकी एजेंसियां अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों को वापस भेजने में तेजी ला रही है. हाल के हफ्तों में, 74 गुजरातियों सहित तीन अलग-अलग समूहों को भारत भेजा गया है, जो अमेरिका में बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे थे. पटेल भी इसी कड़ी का हिस्सा बने और भारत लौटते ही कानूनी पचड़ों में फंस गए.

पाकिस्तानी पासपोर्ट देख अधिकारी हैरान

दिल्ली पुलिस ने पटेल को गिरफ्तार कर लिया और उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए, जिनमें धोखाधड़ी, फर्जी पहचान अपनाना और पासपोर्ट का दुरुपयोग शामिल है. जांच के दौरान भारतीय इमिग्रेशन अधिकारियों को यह जानकर हैरानी हुई कि पटेल के पास जो पाकिस्तानी पासपोर्ट था, वह असली था या किसी और का गुम हुआ दस्तावेज था. जिसे पटेल ने अपनी पहचान साबित करने के लिए इस्तेमाल किया था.

दुबई के एजेंट से बनवाया था पासपोर्ट

पूछताछ में पटेल ने स्वीकार किया कि उसने दुबई में एक एजेंट को बड़ी रकम देकर अपनी भारतीय पहचान को पाकिस्तानी में बदलवाया था. इसका मकसद था अमेरिका जाने वाली उड़ान में आसानी से जगह पाना, क्योंकि कई देशों के नागरिकों को अमेरिकी वीजा मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी वजह से मानव तस्करी करने वाले गिरोह नकली पहचान और जाली दस्तावेजों के जरिए लोगों को अवैध रूप से अमेरिका पहुंचाने का धंधा चलाते हैं.

कानूनी रूप से है घातक

पटेल की यह यात्रा सिर्फ उसके लिए ही नहीं, बल्कि उन हजारों भारतीयों के लिए भी एक सबक है, जो अवैध तरीकों से अमेरिका पहुंचने का सपना देखते हैं. मानव तस्कर अक्सर ऐसे लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें जोखिम भरे रास्तों पर धकेल देते हैं. यह मामला दिखाता है कि फर्जी पहचान और अवैध आप्रवासन की दुनिया कितनी खतरनाक और कानूनी रूप से घातक हो सकती है.

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