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अब स्कूल से लीव लेना नहीं होगा आसान, हर छुट्टी का रखा जाएगा हिसाब... CBSE की नई लीव पॉलिसी के बारे में कितना जानते हैं आप?

CBSE ने एक नया नोटिस जारी कर स्कूलों को कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं. बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए यह न्यूनतम उपस्थिति जरूरी होगी, जिसमें केवल गंभीर मेडिकल या दस्तावेज़-प्रमाणित मामलों में ही छूट दी जाएगी. स्कूलों को अब छात्रों की उपस्थिति रोज़ाना रिकॉर्ड करनी होगी और बार-बार अनुपस्थित रहने पर माता-पिता को लिखित रूप में सूचना देनी होगी.

अब स्कूल से लीव लेना नहीं होगा आसान, हर छुट्टी का रखा जाएगा हिसाब... CBSE की नई  लीव पॉलिसी के बारे में कितना जानते हैं आप?
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( Image Source:  AI )

अब स्कूल से लीव नहीं होगा आसान, हर छुट्टी का रखा जाएगा हिसाब... CBSE की नई लीव पॉलिसी के बारे में कितना जानते हैं आप?

CBSE New School Leave Policy : अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्ध स्कूलों में छात्रों के लिए मनमर्जी से छुट्टियां लेना मुश्किल होने वाला है. सीबीएसई ने हाल ही में एक नई अधिसूचना जारी की है, जिसमें सभी संबद्ध स्कूलों के प्रमुखों को 75% उपस्थिति नीति सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. यह नियम कक्षा 10 और 12 के छात्रों, उनके अभिभावकों और स्कूलों, सभी के लिए अनिवार्य होगा.

क्या कहता है नया नियम?

CBSE ने अपनी पुरानी परीक्षा उपनियमावली की धाराओं 13 और 14 को दोहराते हुए साफ किया है कि कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75% उपस्थिति अनिवार्य है. हालांकि, मेडिकल इमरजेंसी या अन्य विशेष परिस्थितियों में, यदि उचित दस्तावेज प्रस्तुत किए जाते हैं, तो 25% तक की छूट दी जा सकती है.

मुख्य दिशानिर्देश, जो सभी को जानने जरूरी हैं

  1. छात्रों और अभिभावकों को स्पष्ट जानकारी देना अनिवार्य: सभी स्कूलों को छात्रों और उनके अभिभावकों को 75% उपस्थिति नियम और इसके पालन न करने पर होने वाले प्रभावों की जानकारी स्पष्ट रूप से देनी होगी.
  2. छुट्टी लेने की प्रक्रिया होगी सख्त: मेडिकल इमरजेंसी के मामलों में, छात्र को मेडिकल प्रमाणपत्र के साथ छुट्टी का आवेदन स्कूल वापसी के तुरंत बाद देना होगा. अन्य छुट्टियों के लिए, पहले से लिखित रूप में आवेदन देना जरूरी होगा. बिना स्वीकृत छुट्टी या रिकॉर्ड के अनुपस्थित पाए गए छात्रों को CBSE 'नियमित छात्र' नहीं मान सकता और उन्हें
    बोर्ड
    परीक्षा में बैठने से वंचित किया जा सकता है.
  3. रोजाना उपस्थिति रिकॉर्ड रखना अनिवार्य: स्कूलों को प्रत्येक छात्र की उपस्थिति का नियमित और अपडेट रिकॉर्ड रखना होगा, जिसे प्रतिदिन क्लास टीचर और संबंधित प्राधिकरण द्वारा हस्ताक्षरित किया जाना चाहिए.
  4. अभिभावकों को सूचित करना जरूरी: अगर कोई छात्र बार-बार अनुपस्थित रहता है या उपस्थिति की न्यूनतम शर्त पूरी नहीं करता, तो स्कूलों को उसके अभिभावकों को रजिस्टर्ड पोस्ट, स्पीड पोस्ट या ईमेल के माध्यम से लिखित सूचना देना अनिवार्य है. इसकी रिकॉर्डिंग भविष्य के लिए रखी जाएगी.
  5. CBSE कर सकता है सरप्राइज निरीक्षण: CBSE अचानक स्कूलों का निरीक्षण कर सकता है ताकि उपस्थिति रिकॉर्ड की जांच की जा सके. अगर अनियमितताएं पाई जाती हैं या छात्र नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित नहीं रहते, तो बोर्ड स्कूल की संबद्धता रद्द करने या छात्रों को बोर्ड परीक्षा से अयोग्य ठहराने जैसे कड़े कदम उठा सकता है.

सीबीएसई ने लीव पॉलिसी और अटेंडेंस को लेकर अपनी ऑफिशियल वेबसाइट cbse.gov.in पर नोटिस जारी किया है. बोर्ड का साफ कहना है कि अगर कोई स्टूडेंट बिना बताए अनुपस्थित रहता है तो उसे डमी स्टूडेंट मानते हुए बोर्ड परीक्षा देने से वंचित कर दिया जाता है.

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