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'अपशब्द और अपमान... फ्रीडम ऑफ स्पीच नहीं', पूर्व बीजेपी नेता मामले में कलकत्ता HC का दो टूक

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीजेपी की एक पूर्व नेता नाजिया इलाही खान को अपने विचार व्यक्त करने पर प्रतिबंध लगाने से मना कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता गाली-गलौज या हिंसा भड़काने की अनुमति नहीं देती. कोर्ट ने कहा कि उन्हें भाईचारा, शालीनता और कानून की सीमाओं को ध्यान में रखना चाहिए.

अपशब्द और अपमान... फ्रीडम ऑफ स्पीच नहीं, पूर्व बीजेपी नेता मामले में कलकत्ता HC का दो टूक
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( Image Source:  canva, wikipedia )

Calcutta High Court: देश भर में राजनीति करने के लिए नेता एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं. कई बार वह कुछ ऐसा बोल जाते हैं कि मामला कोर्ट तक पहुंच जाता है. ऐसे ही एक मामले में बुधवार (13 नवंबर) को कलकत्ता हाईकोर्ट ने सुनवाई की.

हाईकोर्ट ने बीजेपी की एक पूर्व नेता नाजिया इलाही खान को अपने विचार व्यक्त करने पर प्रतिबंध लगाने से मना कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता गाली-गलौज या हिंसा भड़काने की अनुमति नहीं देती.

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कोर्ट में सुनवाई

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीते दिन बीजेपी की एक पूर्व नेता की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने उनके फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के अधिकार के स्वीकार किया लेकिन उनके सोशल मीडिया पोस्ट पर असहमति जताई. कोर्ट ने कहा कि इसमें एक धार्मिक समुदाय के खिलाफ अनुचित आरोप शामिल हैं. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि अपलोड किए गए वीडियो हटा दिए गए हैं और उनसे ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया जिससे किसी समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचे. अपील में कहा गया कि जांच के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं है.

कुछ भी आपत्तिजनक बोलने से बचें-कोर्ट

अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि उन्हें भाईचारा, शालीनता और कानून की सीमाओं को ध्यान में रखना चाहिए. सार्वजनिक रूप से क्या कहना है, यह उनकी अपनी समझ और इच्छा से तय करना चाहिए. बीजेपी की पूर्व नेता के खिलाफ 7 सितंबर को विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से एमहर्स्ट स्ट्रीट पीएस में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

समुदाय पर लगाए कई आरोप

जस्टिस जॉयमाल्या बागची और गौरांग खंठपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी.

जस्टिस बागची ने कहा कि याचिकाकर्ता नाजिया इलाही खान के इंटरव्यू में एक धार्मिक समुदाय के खिलाफ अनुचित आरोप लगाए गए हैं. हम जानते हैं कि याचिकाकर्ता को बोलने की आजादी है. हालांकि उनकी स्वतंत्रता उसे दूसरों के खिलाफ आरोप लगाने का अधिकार नहीं देती है.

क्या है नाजिया इलाही खान पर आरोप?

नाजिया इलाही खान पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने का आरोप लगाया गया था. शिकायत में कहा गया था कि नाजिया देश के सांप्रदायिक हिंसा और मजहबी तनाव पैदा करना चाहती है. नाजिया ने इंटरव्यू में आपत्ति जताई कि आखिर हिंदू नाम से मुस्लिम दुकान क्यों खोल रहे हैं. उस पर उन्होंने जवाब दिया कि फिर तो हिंदू भी अपनी मनमर्जी का नाम लिख सकते हैं.

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