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'डर के मारे लाशें दबाईं…', कर्नाटक के गांव से निकला रोंगटे खड़े कर देने वाला राज!

दक्षिण कन्नड़ ज़िले के एक छोटे से गांव से आई यह खबर पूरे राज्य को झकझोर रही है. धर्मस्थल गांव के एक व्यक्ति ने पुलिस के सामने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि वह अब तक कई हत्याओं के शवों को ठिकाने लगा चुका है. उसका कहना है कि यह काम उसने डर और धमकी के कारण किया, लेकिन अब वह अपराधबोध से टूट चुका है और पूरी सच्चाई सामने लाना चाहता है – बशर्ते उसे कानूनी सुरक्षा मिले.

डर के मारे लाशें दबाईं…, कर्नाटक के गांव से निकला रोंगटे खड़े कर देने वाला राज!
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( Image Source:  AI SORA )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 4 Dec 2025 4:51 PM IST

दक्षिण कन्नड़ ज़िले के एक छोटे से गांव से आई यह खबर पूरे राज्य को झकझोर रही है. धर्मस्थल गांव के एक व्यक्ति ने पुलिस के सामने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि वह अब तक कई हत्याओं के शवों को ठिकाने लगा चुका है. उसका कहना है कि यह काम उसने डर और धमकी के कारण किया, लेकिन अब वह अपराधबोध से टूट चुका है और पूरी सच्चाई सामने लाना चाहता है – बशर्ते उसे कानूनी सुरक्षा मिले.

इस व्यक्ति ने अपनी पहचान गुप्त रखने की मांग की है और गुरुवार को स्थानीय पुलिस थाना और ज़िला पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र सौंपते हुए अपने गुनाहों को स्वीकार किया. पुलिस ने अब इस पूरे मामले को अदालत की अनुमति मिलने के बाद भारतीय न्याय संहिता की धारा 211(ए) के तहत केस दर्ज किया है.

क्या है मामला?

पुलिस को दी गई शिकायत में व्यक्ति ने कहा कि उसे बार-बार धमकियां दी गईं कि अगर उसने शवों को न ठिकाने लगाया तो उसे और उसके परिवार को जान से मार दिया जाएगा. धमकियों के चलते वह डर के साये में जी रहा था और वह यह सब करने को मजबूर हुआ. हालांकि अब वह इस बोझ को और नहीं उठा सकता और हर उस अपराध की जानकारी देना चाहता है जिसमें उसका हाथ रहा, ताकि न्याय हो सके.

कब और कैसे दर्ज हुआ मामला?

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट से ज़रूरी इजाज़त ली और फिर शुक्रवार को धर्मस्थल थाने में IPC की जगह अब लागू भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 211(ए) के तहत मामला दर्ज किया गया. यह धारा किसी व्यक्ति द्वारा कानूनी रूप से अनिवार्य सूचना देने में विफल रहने से संबंधित है.

पुलिस का बयान

धर्मस्थल पुलिस ने बताया, 'व्यक्ति ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर जानकारी दी है. फिलहाल, हम उसकी पहचान गुप्त रखेंगे. शुरुआती पूछताछ में उसने संकेत दिए हैं कि कई हत्याएं सोची-समझी साजिश का हिस्सा थीं, जिनमें वह सीधे तौर पर शामिल नहीं था, लेकिन शवों को गायब करने में इस्तेमाल हुआ. अब पुलिस इस व्यक्ति के दावों की सत्यता की जांच कर रही है. माना जा रहा है कि वह कई ठिकानों की जानकारी दे सकता है जहां हत्याओं के बाद लाशें छिपाई गई थीं. पुलिस कानूनी प्रक्रिया पूरी करके उसके बयान को आधिकारिक रूप से दर्ज करेगी और आगे की जांच के लिए विशेष टीम गठित की जा सकती है.

यह कबूलनामा क्यों है बेहद अहम?

धर्मस्थल गांव जैसे शांत इलाक़े से आया यह बयान न सिर्फ स्थानीय लोगों को झकझोर रहा है, बल्कि राज्य के अपराध नेटवर्क की भी परतें खोल सकता है. अगर यह व्यक्ति सच बोल रहा है तो यह कर्नाटक के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सीरियल क्राइम कवर-अप हो सकता है.

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