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कौन लेगा जेपी नड्डा की जगह? इसी महीने के आखिर तक हो जाएगा तय, बस संसद सत्र खत्‍म होने का है इंतजार

भारतीय जनता पार्टी के लिए नए अध्‍यक्ष की तलाश इस महीने ही खत्‍म हो सकती है. सूत्रों के अनुसार अप्रैल महीने के अंत तक पार्टी को नया अध्‍यक्ष मिल जाएगा. पार्टी को संसद के मौजूदा सत्र के खत्‍म होने का इंतजार है जिसके बाद नए अध्‍यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

कौन लेगा जेपी नड्डा की जगह? इसी महीने के आखिर तक हो जाएगा तय, बस संसद सत्र खत्‍म होने का है इंतजार
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( Image Source:  ANI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 1 April 2025 5:05 PM IST

भारतीय जनता पार्टी को जल्‍द ही नया अध्‍यक्ष मिल जाएगा. एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अप्रैल के आखिर तक दुनिया की इस सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी को नया अध्‍यक्ष मिल जाएगा. मौजूदा संसद सत्र के खत्‍म होते ही नए भाजपा अध्यक्ष के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

अगले एक सप्ताह में यूपी, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल समेत बाकी बचे अधिकांश राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी. 19 प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा के बाद पार्टी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. सूत्रों के अनुसार 13 राज्यों में संगठनात्मक चुनाव संपन्न होने के बाद इन 13 प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा की गई है.

बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव के लिए देश के 50 फीसदी राज्यों में संगठनात्मक चुनाव कराना जरूरी होता है. इससे पहले बूथ, मंडल और जिला स्तर पर चुनाव किए जाते हैं.

2019 में जेपी नड्डा बने थे कार्यकारी अध्‍यक्ष

जेपी नड्डा ने 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी. जनवरी 2020 में, उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया, और उन्होंने अमित शाह की जगह ली. लोकसभा चुनाव को देखते हुए उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा दिया गया था. अब, जब जेपी नड्डा सरकार में शामिल हो रहे हैं, तो पार्टी उनके उत्तराधिकारी की तलाश में है.

नए अध्यक्ष को लेकर चुनौतियां

  • जातीय समीकरण को ध्यान में रखना होगा
  • उत्तर और दक्षिण भारत के संतुलन पर भी विचार करना होगा
  • भाषा विवाद और परिसीमन के मुद्दों को भी समझना जरूरी होगा

बीजेपी को उत्तर प्रदेश में अपने प्रदर्शन को सुधारने की जरूरत है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन की वजह से पार्टी को अकेले बहुमत नहीं मिला. इसलिए, यह कयास लगाए जा रहे हैं कि नया अध्यक्ष यूपी से हो सकता है.

नए अध्यक्ष को बीजेपी और आरएसएस (RSS) दोनों के संगठनात्मक मूल्यों को समझना होगा और पार्टी के विचारधारा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी निभानी होगी.

कौन-कौन से नाम हैं चर्चा में?

बीजेपी अध्‍यक्ष पद को लेकर कई नाम पिछले दिनों चर्चा में रहे. कहा यह भी जा रहा था कि संभव है कि इस बार पार्टी का अध्‍यक्ष दक्षिण के किसी राज्‍य से हो ताकि दक्षिण की राजनीति को साधा जा सके. पूर्व मंत्री राजीव चंद्रशेखर का भी नाम इस रेस में है. वहीं महिला अध्‍यक्ष बनाए जाने की बात भी सामने आई थी जिनमें दग्गुबाती पुरंदेश्वरी और वनथी श्रीनिवासन का नाम सबसे आगे रहा है. दग्गुबाती पुरंदेश्वरी को 'साउथ की सुषमा स्वराज' भी कहा जाता है और वह आंध्र प्रदेश भाजपा की अध्यक्ष हैं और संगठनात्मक मामलों में काफी अनुभवी मानी जाती हैं. वहीं वनथी श्रीनिवासन तमिलनाडु की दमदार नेता है. मध्‍यप्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम भी स पद के लिए पिछले दिनों उछला था. वहीं यूपी से किसी दलित नेता को भी पार्टी अध्‍यक्ष बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे जिनमें से विद्यासागर सोनकर, रामशंकर कठेरिया और राम सकल के नाम शामिल थे.

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