क्या था अहमदाबाद धोती कांड केस जिसका दंश 29 साल तक झेलते रहे BJP सांसद? अब सेशन कोर्ट से मिली राहत
Ahmedabad Dhoti Kand: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पहले दो लोकसभा सांसदों में से एक को आखिरकार 29 साल पुराने 'धोती कांड' मामले से बड़ी राहत मिली है. 1996 में दर्ज हुए इस मामले ने उन्हें तीन दशक तक अदालतों के चक्कर लगवाए. सेशन कोर्ट ने अब इस केस को खारिज कर दिया है.

Ahmedabad Dhoti Scandal 1996: भारतीय जनता पार्टी के पहले दौर के नेताओं में से एक को आखिरकार 29 बाद ही सही एक मंत्री का धोती खींचने को लेकर हुए विवाद से निजात मिल गई है. साल 1996 में धोती खींचने के आरोप में उन पर मुकदमा दर्ज हुआ था. लंबे समय तक चली कानूनी जंग और लगातार सुनवाई के बाद अब सेशन कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए केस खत्म कर दिया है. इस फैसले से बीजेपी के पूर्व सांसद को बड़ी राहत मिली है.
धोती कांड केस क्या है?
सरदार पटेल स्टेडियम में 1996 में भाजपा के एक समारोह के दौरान गुजरात के तत्कालीन मंत्री आत्माराम पटेल की धोती पार्टी के ही विरोधी सांसद व उनके समर्थकों ने खींचा दिया था. उन्होंने आरोप लगाथा कि एमपी के लोगों ने उन पर हमला भी बोला था. इस मामले में तत्कालीन मंत्री आत्माराम पटेल ने मुकदमा दर्ज कराया था. उसी केस में 29 साल बाद अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने 21 अगस्त को पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. के. पटेल जो भाजपा के पहले दो लोकसभा सदस्यों में से एक थे, के खिलाफ आपराधिक मामला रद्द कर दिया. बता दें कि भाजपा के एक अन्य पदाधिकारी मंगलदास पटेल भी इस मामले में आरोपी थे.पूर्व मंत्री आत्माराम पटेल का खींची थी धोती
साल 1996 में बीजेपी सरकार में तत्कालीन मंची आत्माराम पटेल की धोती खींचने और कथित तौर पर हमला करने के मामले में नारनपुरा पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था. आरोपी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के साथ मतभेद के समय शंकर सिंह वाघेला का समर्थन किया था.
यह घटना उस समय हुई पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा एक सभा को संबोधित करने के तुरंत बाद हुई थी. सरकारी वकील सुधीर ब्रह्मभट्ट ने 95 वर्षीय पूर्व सांसद के खिलाफ मामला वापस लेने के लिए सीआरपीसी की धारा 321 के तहत एक आवेदन दायर किया था. मामले के सह-आरोपी मंगलदास पटेल और गवाह (पीड़ित) आत्माराम पटेल का मुकदमे के दौरान निधन हो गया था.
पीड़ित BJP नेता हो चुका है निधन
अहमदाबाद सत्र न्यायालय ने मामले की सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एचजी पांड्या ने कहा, "यह मामला 28 साल पहले हुए एक आंतरिक राजनीतिक दल के विवाद से जुड़ा है. पीड़ित आत्मारामभाई मगनभाई पटेल का निधन हो चुका है.
वकील ने केस वापस लेने की मांग की थी
सरकारी वकील द्वारा मामला वापस लेने का अनुरोध नेकनीयती से किया गया प्रतीत होता है. अभियोजन वापस लेने पर पर्याप्त विचार किया गया है. इसलिए, अभिलेखों और मामले की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए न्याय के हित में सीआरपीसी की धारा 321 के तहत अभियोजन वापस लेने की इजाजत देना उचित है."
साल 2018 में भी महानगरीय अदालत ने 41 भाजपा कार्यकर्ताओं और राजनेताओं के खिलाफ संबंधित आपराधिक मामला खारिज कर दिया था. इस मामले में वरिष्ठ विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया और दस्करोई से भाजपा विधायक बाबू जमना पटेल भी ओरोपी थे.