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जल्द होंगे भोलेनाथ के दर्शन, कैलाश मानसरोवर यात्रा होगी शुरू; भारत-चीन के बीच चलेगी डायरेक्ट फ्लाइट

भारत और चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है. विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीन के विदेश सचिव सुन वेइदोंग के बीच बीजिंग में वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को पुनः स्थिर और बहाल करने के लिए कुछ कदम उठाने पर सहमति जताई. यह यात्रा 2020 में डोकलाम विवाद के बाद रोक दी गई थी.

जल्द होंगे भोलेनाथ के दर्शन, कैलाश मानसरोवर यात्रा होगी शुरू; भारत-चीन के बीच चलेगी डायरेक्ट फ्लाइट
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Updated on: 27 Jan 2025 9:32 PM IST

भारत और चीन ने सोमवार को कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला लिया. दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों ने इस बारे में जानकारी दी, जो दोनों पक्षों के बीच संबंधों को स्थिर और बहाल करने के लिए किए गए प्रयासों का हिस्सा है. यह निर्णय विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बीजिंग में चीनी समकक्ष सुन वेइदोंग के साथ वार्ता के बाद लिया गया.

इस साल गर्मी में कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने के साथ, दोनों देशों के रिश्तों में नए अध्याय की शुरुआत होगी. यह कदम भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नए आयामों तक ले जाएगा.

डोकलाम विवाद के बाद रूक गई थी यात्रा

भारत-चीन के बीच डोकलाम विवाद के बाद 2020 में कैलाश मानसरोवर यात्रा को रोक दिया गया था. हिंदू धर्म में कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है, जिससे यह यात्रा लाखों भारतीयों के लिए एक धार्मिक महत्व रखती है. विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि इस यात्रा को 2025 की गर्मियों से फिर से शुरू किया जाएगा.

द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बीजिंग दौरे के दौरान विदेश सचिव और उप विदेश मंत्री की बैठक में हिस्सा लिया. दो दिनों तक चली इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर में कज़ान में हुई बैठक के अनुसार, दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की और कुछ जन-केंद्रित कदम उठाने पर सहमति जताई.

सीधी हवाई सेवाओं की शुरुआत

विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि दोनों पक्षों ने भारत और चीन के बीच सीधी हवाई सेवाओं को फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है. इसके अलावा, भारत-चीन के बीच मीडिया और थिंक टैंक के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे. दोनों देशों के संबंधित तकनीकी अधिकारी जल्द ही इस पर एक अद्यतन रूपरेखा पर बातचीत करेंगे.

ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध को लेकर भी हुई चर्चा

इसके अलावा, दोनों देशों के बीच सीमापार नदियों से संबंधित जल विज्ञान संबंधी आंकड़ों और सहयोग पर एक विशेषज्ञ स्तर की बैठक भी जल्द ही आयोजित की जाएगी. इस बैठक में दोनों पक्षों ने ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बनाए गए बांधों को लेकर भारत की चिंताओं पर चर्चा की.

राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ

भारत और चीन के राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर, दोनों देशों ने रिश्तों को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने पर सहमति जताई. यह साल भारत-चीन के राजनयिक संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने वाला है.

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