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IIM-बैंगलोर जैकेट में ऑटो ड्राइवर को देख हैरान हुई बेंगलुरु की महिला, छोटी से मुलाकात हुई वायरल

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुई, जब अपूर्वा नाम की एक महिला ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु (IIM-B) की जैकेट पहने एक ऑटो ड्राइवर के साथ अपना अनुभव शेयर किया। यात्रा के दौरान, अपूर्वा की नजर ड्राइवर की जैकेट पर पड़ी, जिस पर IIM-B लिखा था.

IIM-बैंगलोर जैकेट में ऑटो ड्राइवर को देख हैरान हुई बेंगलुरु की महिला, छोटी से मुलाकात हुई वायरल
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( Image Source:  X : @theanxiouslab )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 15 Aug 2025 1:15 PM

बेंगलुरु की एक महिला ने हाल ही में अपना एक दिलचस्प और इमोशनल एक्सपीरियंस सोशल मीडिया पर शेयर किया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया. हुआ यूं कि अपूर्वा नाम की यह महिला एक दिन ऑटो में सफर कर रही थी. सफर के दौरान उनकी नज़र ड्राइवर की जैकेट पर पड़ी, जिस पर भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु (IIM-B) का मशहूर लोगो बना था और पीछे बड़े अक्षरों में 'IIM Bangalore' लिखा था. यह देखकर उनकी जिज्ञासा बढ़ गई और उन्होंने ड्राइवर से बातचीत शुरू की.

बातचीत में पता चला कि यह ऑटो ड्राइवर दरअसल IIM-बेंगलुरु के हॉस्टल मेस में फुल टाइम काम करता है. वहां पढ़ने वाले छात्रों ने उसकी मेहनत और सेवाओं के सम्मान में उसे यह जैकेट गिफ्ट की थी. ड्राइवर ने आगे बताया कि ऑटो चलाना उसका पार्ट-टाइम काम है, जिसे वह अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए करता है.

'IIM-B स्टूडेंट्स बहुत खास होते है

अपूर्वा ने इस पूरी कहानी को एक्स हैंडल पर शेयर किया और लिखा कि कैसे एक छोटी-सी बातचीत ने उनके दिन को खास बना दिया. पोस्ट पर ढेरों प्रतिक्रियाएं आईं. किसी ने लिखा, 'काइंडनेस हमारी सोच से भी कहीं आगे तक असर करती है.' एक अन्य यूज़र ने कहा, 'IIM-B के छात्र सच में बहुत प्यारे हैं, मैंने खुद देखा है कि वे अपने आसपास के लोगों का कितना ख्याल रखते हैं.' वहीं कुछ लोगों ने इस पर सवाल भी उठाए कि जब IIM-B लाखों की फीस लेता है, तब भी उसके सपोर्ट स्टाफ को जीवनयापन के लिए दूसरी नौकरी क्यों करनी पड़ती है?.

चर्चा में रहती हैं ऐसी कहानियां

ऐसी इंस्पिरेशनल कहानियां बेंगलुरु में पहले भी चर्चा में रही हैं. कुछ समय पहले एक ऑटो ड्राइवर की तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें वह गाड़ी चलाते हुए मशहूर इंटरप्रेन्योर और इन्वेस्टर नवल रविकांत का पॉडकास्ट सुन रहा था. यह पॉडकास्ट उसने अपनी गाड़ी में लगी छोटी स्क्रीन पर चलाया हुआ था, जबकि फोन पर GPS से रास्ता देख रहा था. लोगों ने उसके समय का सही इस्तेमाल करने और मल्टीटास्किंग की खूब तारीफ़ की. इसी तरह, एक और ऑटो चालक ने भी लोगों का दिल जीत लिया था. वह कर्नाटक की राज्य टीम के लिए प्रोफेशनल टेबल टेनिस कोच था, लेकिन महामारी के दौरान गुज़ारे के लिए ऑटो चलाने लगा. उसने अपने रिक्शा में एक पोस्टर लगाकर अपनी कोचिंग का प्रचार करना भी शुरू कर दिया. इस कहानी ने हजारों लोगों को प्रेरित किया था.

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