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आवारा कुत्ता कहें या बच्चा चोर? अस्पताल में घुसा और महिला के हाथ से नवजात को छीन ले गया; तस्वीर वायरल

पश्चिम बंगाल के अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर से सवाल उठना शुरू हो चुके हैं. दरअसल एक महिला ने अस्पताल के शौचाल्य में बच्चे को जन्म दिया. लेकिन अचानक अस्पताल में कुत्ता दाखिल हुआ और महिला से बच्चा छीनकर अपने मुंह में रखकर भाग निकला. अब इस पर बीजेपी ने सवाल किए हैं. साथ ही ममता सरकार पर निशाना साधा है.

आवारा कुत्ता कहें या बच्चा चोर? अस्पताल में घुसा और महिला के हाथ से नवजात को छीन ले गया; तस्वीर वायरल
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( Image Source:  Freepik )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 21 Nov 2024 7:03 PM IST

बंगाल में एक बार फिर से अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं. दरअसल पश्चमिल बंगाल के बंकुरा डिस्ट्रिक्ट में एक अस्पताल के अंंदर से कुत्ता प्री-मैच्योर शिशू को अपने साथ उठा ले गया. वहीं अब इस मामले को लेकर एक बार फिर से बंगाल के अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए जाने लगे. बच्चे को ले जाते हुए की एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.

अब इस मामले पर बीजेपी नेता ने पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी नेता का कहना है कि बांकुरा में हुई यह घटना ममता सरकार की वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य लीडरशिप का पर्दाफाश करती है.

बीजेपी नेता ने शेयर की तस्वीर

भाजपा नेता ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए बंगाल की स्थास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए. साथ ही एक त्सवीर भी साझा की है. उन्होंने कहा कि एक महिला ने बिना किसी की स्वास्थ्य मदद के शौचालय में बच्चे को जन्म दिया था. जिसे आवारा कुत्ते ने आकर छीन लिया. बीजेपी नेता द्वारा साझा की गई तस्वीर में कुत्ते के मुंह में शिशु दिखाई दे रहा है. वहीं सोशल मीडिया पर अन्य लोग भी इस तस्वीर को तेजी से शेयर कर रहे हैं.

कुत्ते ने छीना बच्चा

बताया गया कि महिला को 18 नवंबर की रात को लेबर पेन होने के बाद बिष्णुपीर उपखंड के बांकुरा सोनामुखी ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. महिला ने अपने प्रीमैच्योर बच्चे को अस्पताल के शौचालय में ही जन्म दे दिया. लेकिन उसी दौरान आवारा कुत्ता अस्पताल में दाखिल हुआ और महिला से बच्चा छीन कर ले गया. वहीं इस घटना के बाद महिला को आगे के इलाज के लिए बिष्णुपुर सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल में शिफ्ट किया गया. अब इस पर अस्पताल अधिकारियों का कहना है कि वह इसकी जांच करेंगे. परिवार का यह आरोप है कि उन्होंने कई बार मदद की गुहार लगाई थी. लेकिन बार-बार पुकारे जानेक के बाद भी किसी स्टॉफ ने उनकी मदद नहीं की.

पहले भी उठाए जा चुके सवाल

वहीं इससे पहले भी आरजीकर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना के दौरान सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए गए थे. डॉक्टरों ने अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया था. उस समय सरकार की ओर से सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कही गई थी. लेकिन एक बार फिर ऐसा मामला सामने आया है.

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