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मंकीपॉक्स के मरीजों का मुफ्त इलाज करेगी इस राज्य की सरकार, जानें कब तक मिलेगी वैक्सीन

कर्नाटक में लगातार बढ़ते मंकीपॉक्स मामलों पर राज्य सरकार ने बड़ा एलान किया है. अब संक्रमित लोगों का राज्य सरकार मुफ्त इलाज करने वाली है. इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बीमारी से बचने के हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की इस इस पहल से सैकड़ों परिवारों को फायदा होगा.

मंकीपॉक्स के मरीजों का मुफ्त इलाज करेगी इस राज्य की सरकार, जानें कब तक मिलेगी वैक्सीन
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( Image Source:  Representative Image/ Freepik )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 16 Feb 2025 12:59 PM IST

कर्नाटक में मंकीपॉक्स के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है. जिसे लेकर राज्य सरकार सतर्क हो चुकी है. राज्य सरकार ने एलान किया कि संक्रमित मरीजों को मुफ्त इलाज दिया जाएगा. ऐसे में जो लोग इस बीमारी से संक्रमित है उनका मुफ्त में इलाज किया जाएगा. दरअसल अब तक सिर्फ जिन लोगों के पास BPL कार्ड थे उन्हें ही मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही थी. लेकिन क्योंकी राज्य में मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं, जिसे लेकर सरकार ने सभी के लिए ये घोषणा की है.

APL परिवारों को भी मिलेगी सुविधा

जैसा की बताया कि इससे पहले तक ये सुविधा सिर्फ और सिर्फ बीपीएल कार्ड धारकों को दी जा रही थी. लेकिन अब गरीबी रेखा से ऊपर वाले लोग यानी APL परिवारों को भी ये सुविधा दी जा रही है. इस संबंध में मंत्री दिनेश गुंडू राव ने शनिवार को बयान जारी किया और कहा कि केएफडी से प्रभावित एपीएल परिवारों के सदस्यों को अब सुवर्णा आरोग्य सुरक्षा ट्रस्ट के तहत पंजीकृत अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिलेगा. इस पहल से सैकड़ों परिवारों को फायदा होगा. आपको बता दें कि मंकीपॉक्स बीमारी को KFD के नाम से भी जाना जाता है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री गुंडू ने कहा कि हमारी राज्य सरकार इस बीमारी को कंट्रोल करने के हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि ये तेजी से मालेनाडु में फैल रहा है.

कब तक मिलेगी वैक्सीन?

इस दौरान मंत्री ने कहा कि इस बुखार को पूरी तरह खत्म करने की कोशिश की गई है. ICMR से चर्चा जारी है उन्होंने कहा कि कई टेस्ट के बाद KFD वैक्सीन 2026 तक उपलब्ध होने की उम्मीद है. हमारी सरकार राज्य के लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2003 से लेकर अब तक 59 लोगों ने इस बीमारी के चलते जान गंवाई है. दरअसल कर्नाटक के पश्चिमी घाट से सटे जिले इस बीमारी से बुरी तरह से प्रभावित हैं. इस कारण यहां प्रभाव भी ज्यादा है.

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