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'लगता है कि अब मैं नहीं...', क्या थे बाबा सिद्दीकी के आखिरी शब्द? अस्पताल जाते वक्त ही तोड़ दी थी उम्मीद

Baba Siddiqui Murder: बाबा सिद्दीकी को गोली मारने से पहले शूटर्स जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर इंतजार कर रहे थे. वहीं बाबा सिद्दीकी ने गोली लगने से पहले भक्तों को मुफ्त शरबत भी पिलाया था. उन्हें गोली लगने के बाद अहसास हो गया था कि अब वह नहीं बचने वाले हैं.

लगता है कि अब मैं नहीं..., क्या थे बाबा सिद्दीकी के आखिरी शब्द? अस्पताल जाते वक्त ही तोड़ दी थी उम्मीद
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Baba Siddiqui Murder
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 17 Oct 2024 5:50 PM IST

Baba Siddiqui Murder: पूर्व विधायक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता बाबा सिद्दीकी की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. सुरक्षा के बीच शूटर्स ने गोली से उनकी हत्या कर दी. 12 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा में उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया.

बाबा सिद्दीकी को जब गोली लगी तो उन्हें काफी पसीना आ रहा था. हमला होने के कुछ सेकंड बाद ही उन्हें अहसास हो गया था कि अब वह नहीं बच पाएंगे. ऐसे में उनके आखिरी बोले गए शब्द इस दर्द को बयां करता है. गोली लगने के बाद उन्होंने कहा, 'मुझे गोलियां लग गई है. अब मैं बच नहीं पाऊंगा. मैं मर जाऊंगा.' मिडडे से बात करते हुए एक कार्यकर्ता ने इसका खुलासा किया. इसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.

मौत से कुछ देर पहले बेटे के साथ थे बाबा सिद्दीकी

कार्यकर्ता ने बताया, 'नमाज के बाद जीशान ने अपने पिता से कहा कि वह चेतना कॉलेज के पास खाना लेने जा रहा है. जीशान ऑफिस से निकल गए और बाबा सिद्दीकी ने उनसे कहा कि वह भी अपना काम खत्म करके दो-तीन मिनट में निकल जाएगा. उन दोनों ने रविवार को नौपाड़ा में एक नए प्रोजेक्ट के उद्घाटन के लिए एक बैठक की प्लानिंग की थी.

पुलिस ने बताई हत्या की कहानी

हत्याकांड को लेकर एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'जब बाबा सिद्दीकी अपने पार्टी कार्यकर्ताओं, एक पुलिस अंगरक्षक और एक ड्राइवर के साथ ऑफिस से निकले. जब वह अपनी कार के पास पहुंचे तो हमलावरों ने उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. दो गोलियां बाबा सिद्दीकी के सीने में लगीं और एक गोली वहां से गुजर रहे एक राहगीर के पैर में लगी.'

बाबा सिद्दीकी का अंतिम संस्कार 13 अक्टूबर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ बड़ा कब्रिस्तान में किया गया था. 12 अक्टूबर को बांद्रा में तीन बाइक सवार हमलावरों ने सिद्दीकी की हत्या कर दी थी. उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, हालांकि डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके.

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