मणिपुर में विधानसभा भंग! क्या सीएम के इस्तीफे और राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रपति शासन होगा लागू?
Manipur Political crisis: राज्यपाल अजय भल्ला ने एन बीरेन सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. हालांकि राज्यपाल ने उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने का आग्रह किया. इस फैसले से पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता परिवर्तन और राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बन गया है.

Manipur Political crisis: मणिपुर में एन बीरेन सिंह के सीएम पद से अचानक इस्तीफे के बाद राजनीतिक संकट गहरा गया है. दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी चीफ जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद इंफाल में राजभवन में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा. ये सब तब हुआ है जब राज्य में कांग्रेस लगातार विधानसभा में इस्तीफे की धमकी दे रही थी.
इस बीच आज से मणिपुर में शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को भी स्थगित कर दिया गया है. एन बीरेन सिंह विपक्ष की सीएम पद से इस्तीफा देने की मांग को खारिज करते रहे हैं. मणिपुर में 21 महीने पहले मई 2023 में हिंसा भड़कने के बाद से ही बीरेन सिंह के इस्तीफे की लगातार मांग हो रही है.
मणिपुर में लग सकता है राष्ट्रपति शासन!
उनके इस्तीफे के बाद कई मीडिया रिपोर्ट्स दावा कर रहे हैं कि राज्य में केंद्र सरकार राजनीतिक और हिंसा की स्थिति को स्थिर करने के लिए राष्ट्रपति शासन लगा सकती है. इसलिए शायद केंद्र ने एन बीरेन सिंह को इस्तीफे का आदेश दिया है. हालांकि, सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने से बचना चाहती है.
मणिपुर में पहले भी लग चुका है राष्ट्रपति शासन
मणिपुर में 2000 के चुनावों के बाद सरकार एक साल से ज़्यादा नहीं चल पाई. महीनों की अराजकता, कथित खरीद-फरोख्त और अविश्वास प्रस्ताव के बाद मणिपुर में 3 जून 2001 को राष्ट्रपति शासन लागू हुआ. यह 277 दिनों तक चला था.
मणिपुर विधानसभा किया गया स्थगित
विधानसभा सचिव के. मेघजीत सिंह ने रविवार को एक नोटिस जारी कर विधानसभा स्थगित की घोषणा की है. नोटिस के मुताबिक, 10 फरवरी से शुरू होने वाले 12वीं मणिपुर विधानसभा के 7वें सत्र को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है.
नोटिस में कहा गया, 'भारत के संविधान के अनुच्छेद 174 के खंड (1) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए मणिपुर के राज्यपाल,आदेश देते हैं कि 12वीं मणिपुर विधानसभा के 7वें सत्र को बुलाने के पिछले निर्देश को तत्काल प्रभाव से निरस्त घोषित किया जाता है.'
राज्यपाल ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा
बता दें कि मई 2023 में राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. राज्यपाल ने सिंह के साथ-साथ उनके मंत्रिपरिषद का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया तथा अनुरोध किया कि वैकल्पिक व्यवस्था होने तक वे पद पर बने रहें.
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बीजेपी नया मुख्यमंत्री नियुक्त करेगी या नहीं. बीजेपी के शीर्ष नेता संबित पात्रा मणिपुर में डेरा डाले हुए हैं. इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्यपाल भल्ला ने बीरेन सिंह को पद पर रहते हुए कोई भी नीतिगत निर्णय लेने से परहेज करने का निर्देश दिया है.