पानी हो या बर्फ, दुश्मनों की अब खैर नहीं! क्या है Indian Army के रोबोटिक खच्चर की खासियत? | VIDEO
Indian Army - Robotic mules: रोबोटिक खच्चर को दूर से नियंत्रित किया जा सकता है. इसे मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट (MULE) के नाम से भी जाना जाता है. इसमें एक कंप्यूटर, बैटरी, आगे और पीछे के सेंसर और चलने - दौड़ने के लिए पैर होते हैं.

Indian Army - Robotic mules: भारतीय सेना में हाईटेक रोबोट्स को शामिल करने की कोशिश लगातार चल रही है. इस दौरान बुधवार को पुणे में 77वें सेना दिवस परेड के दौरान रोबोटिक खच्चर को सार्वजनिक तौर पर दिखाया गया, जिसमें रोबोट को पैरेड करते हुए देखा गया. लाइन में बड़े ही शिष्टाचार से पैरेड के दौरान ये रोबोट भारतीय सेना की ताकत को दिखा रहे थे.
पहली बार था जब पुणे में परेड हुई, जहां रोबोटिक खच्चरों के नाम से मशहूर क्वाड्रुपेडल अनमैन्ड ग्राउंड व्हीकल्स (Q-UGV) ने परेड में हिस्सा लिया. इन रोबोट को चुनौतीपूर्ण माहौल और वातावरण में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे सैनिकों के लिए जोखिम कम हो.
रोबोटिक खच्चर की खासियत-
- उत्तरी सीमा पर तैनात इन खच्चरों में थर्मल कैमरे और सेंसर लगे हैं.
- ये 30 किलो तक का भार उठा सकते हैं.
- 10 फीट तक की ऊंचाई पर चढ़ सकते हैं.
- इन खच्चरों को जल्द ही हथियारों से भी लैस किया गया है.
- ये धूल और पानी हो या बर्फ अपने दुश्मनों को मौत के घाट उतारने में जरा भी देर नहीं करता है.
- इसमें एक कंप्यूटर, बैटरी, आगे और पीछे के सेंसर और दौड़ने - चलने के लिए पैर होते हैं.
- इसे अत्यधिक तापमान (-40°C से +55°C) के लिए डिज़ाइन किया गया है. इससे पहाड़ों की ऊंचाई पर दुश्मनों पर नजर रखने में आसानी होगी.
नई दिल्ली स्थित एयरोआर्क ने इस डिज़ाइन किया, जो आर्क वेंचर्स (ARCV) की सहायक कंपनी है. भारतीय सेना को कथित तौर पर जून 2024 में इनमें से 100 रोबोटिक खच्चर मिले हैं.