अखिलेश यादव 'मौका-परस्त' हैं, मुसलमानों के मसीहा Pak या ईरान क्यों नहीं जाते? धीरेंद्र शास्त्री मामले पर भड़के चक्रपाणी महाराज
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के धीरेंद्र शास्त्री पर दिए गए बयान को लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी महाराज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अखिलेश को ‘मौकापरस्त’ और ‘मुसलमानों का मसीहा’ बताते हुए कहा कि अखिलेश सिर्फ चुनावी फायदे के लिए हिंदू विरोधी बयान देते हैं. चक्रपाणी ने आरोप लगाया कि यह सब एक पब्लिसिटी स्टंट है, और ऐसे नेता गली-मोहल्ले की नेतागिरी के भी लायक नहीं हैं.

अक्सर मुस्लिम और मौकापरस्त राजनीति के अवगुण से त्रस्त रहने वाले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) फिर घिरते नजर आ रहे हैं. इस बार अखिल भारत हिंदू महासभा (Akhil Bharat Hindu Mahasabha) के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी महाराज (Swami Chakrapani Maharaj) अखिलेश यादव की ओछी-घटिया राजनीति पर बुरी तरह बिफर पड़े हैं. इस कदर कि धीरेंद्र शास्त्री को लेकर अखिलेश यादव की टिप्पणी पर स्वामी चक्रपाणी महाराज ने अखिलेश यादव को पहले मुसलमानों के मसीहा और ‘मतलब-मौकापरस्त’ हैं बाद में 'नेता'.
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी महाराज के इन दो टूक खरे-खरे बोलों पर, अभी तक सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यंत्री अखिलेश यादव की ओर से कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है. उत्तर प्रदेश सरकार को सूबे में हमेशा राजनीतिक अखाड़े में पहली चुनौती बने रहने वाले अखिलेश यादव ने हाल ही में, धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shashtri)को लेकर बयान दे डाला था. उनके उसी बयान पर देश के कोने-कोने में विशेषकर हिंदुत्व और सनातन के लिए समर्पित वर्ग में गुस्से का उबाल आया है.
गली-मुहल्ले की नेतागिरी के लायक भी नहीं
स्वामी चक्रपाणी महाराज मंगलवार को नई दिल्ली में स्टेट मिरर हिंदी से बात कर रहे थे. उनसे पूछा गया था कि वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा धीरेंद्र शास्त्री को लेकर की गई टिप्पणी पर क्या सोचते हैं? तब उन्होंने कहा कि, “वह (अखिलेश यादव) बनते बहुत बड़े तुर्रमखां नेता है. जबकि औकात और उनकी बेहया हरकतें उन्हें गली-मोहल्ले की नेतागरी करने देने के लायक भी नहीं मानती हैं. आप एक बड़ी पार्टी के नेता हैं तो उस तरह की आपके अंदर गंभीरता भी तो होनी चाहिए. जिसका अखिलेश यादव में दूर दूर तक टोटा है. वे मेरी नजर में और हिंदुत्व या सनातन के दृष्टिकोण से न पहले कभी काबिल नेता थे न आज हैं और उनकी ओछी सड़क छाप हरकतें साबित करती हैं कि वह आने वाले लंबे समय में भी काबिल नेताओं में शामिल नहीं हो पाएंगे.”
ऊट-पटांग बयानबाजी पब्लिसिटी स्टंट है
एक सवाल के जवाब में अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि, “दरअसल जब अखिलेश यादव जैसे खाली बैठे लोगों के पास कुछ नहीं होता है. और मीडिया में भी उन्हें छाए हुए लंबा अरसा गुजर जाता है तब वे हिंदुत्व, हिंदू, सनातन विरोधी या किसी साधू संत पर कोई ऐसी घटिया बयानबाजी कर डालते हैं, जो मीडिया उन्हें तुरंत छापकर सुर्खियों में ला दे. मीडिया को क्या चाहिए चटपटा मसाला. पहले से ही इंतजार में बैठा मीडिया भी ऐसों के ओछे बयानों को छापने-दिखाने लगता है.”
चुनावी मौसम में जुबान उल्टी पलटने लगती है
नई दिल्ली में स्टेट मिरर हिंदी से बातचीत में स्वामी चक्रपाणी महाराज ने आगे कहा, “दरअसल यह जग-जाहिर है कि जब भी किसी हिंदीभाषी राज्य में फिर चाहे वह दिल्ली, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश या मध्य प्रदेश में से कोई भी हो. इनमें जब जब चुनाव का मौसम आता है. तब तब सपा प्रमुख और बड़बोलेपन के लिए बदनाम अखिलेश यादव की जुबान कुछ ज्यादा ही ऊट-पटांग पलटने लगती है. इनके दिमाग पर चुनावी मौसम में ही हिंदू-विरोधी साया सवारी करता है. बाकी खाली समय इन्हें हिंदुओं और सनातन के खिलाफ बयान देने का भी खयाल नहीं आता है.”
धीरेंद्र शास्त्री पर टिप्पणी अखिलेश की घटिया सोच
एक सवाल के जवाब में स्वामी चक्रपाणी महाराज ने कहा, “अब धीरेंद्र शास्त्री पर ओछी टिप्पणी करके अखिलेश यादव क्या दिखावा करना चाहते है? पूरा देश जानता है कि समाजवादी पार्टी और उसके नेता अखिलेश यादव के बारे में जानती है कि, वे वोट पाने की हसरत में हिंदुओं के प्रति किसी भी हद तक गिरकर, हिंदुत्व के खिलाफ बकवास कर सकते हैं. इन्हें अखिलेश यादव जैसे मतलब और मौकापरस्त समाजवादियों को मुसलमानों और मुसलिम धर्म की याद किन्हीं खास-खास मौकों पर ही आती है. अगर यह मुसलमानों और मुसलिम धर्म के बहुत बड़े हिमायती या खैर-ख्वाह हैं ही ईमानदारी से, तो भारत में क्यों पड़े हैं. जाकर पाकिस्तान-बंग्लादेश, ईरान में शरण लें.”
अखिलेश यादव को सही चीज क्यों नहीं दिखाई दी?
अखिल भारत हिंदू महासभा के भारत प्रमुख स्वामी चक्रपाणी महाराज ने कहा कि, “धीरेंद्र शास्त्री के ऊपर ऐसे मतलबपरस्त अखिलेश यादव कैसे आरोप लगा सकते हैं, कि वे (धीरेंद्र शास्त्री) अंडर टेबल पैसे लेते हैं. अखिलेश यादव ने यह तो जुबान चला दी कि धीरेंद्र शास्त्री अंडर टेबल पैसे लेते हैं. अखिलेश यादव को यह भी तो बताना चाहिए कि करोड़ों रुपए खर्चा करके यही धीरेंद्र शास्त्री ही तो कैंसर हास्पिटल भी बनवा रहे हैं. अखिलेश यादव सत्ता के सिंहासन की सवारी की मैली मंशा में इस कदर अंधे हो चुके हैं कि वे अपनी स्वार्थ-सिद्धि के फेर में फंसकर सही-गलत ऊंच-नीच में फर्क कर पाना ही भूल गए हैं.”