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Air India Plane Crash: अमेरिका से आए ‘गोल्डन चेसिस’ ने कैसे खोले ब्लैक बॉक्स के राज?

12 जून को हुए एयर इंडिया हादसे के बाद जांच में अमेरिकी 'गोल्डन चेसिस' ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इससे ब्लैक बॉक्स से 49 घंटे की उड़ान डेटा और 2 घंटे की कॉकपिट ऑडियो रिकॉर्डिंग निकाली गई. AAIB ने बताया कि इस डेटा में दुर्घटना वाली उड़ान भी शामिल है. जांच में विमानन विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञ जुटे हैं.

Air India Plane Crash: अमेरिका से आए ‘गोल्डन चेसिस’ ने कैसे खोले ब्लैक बॉक्स के राज?
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 13 July 2025 9:41 AM

12 जून को हुई एयर इंडिया AI-171 की दर्दनाक विमान दुर्घटना के बाद, जांच एजेंसियां लगातार कारणों की तह तक जाने में जुटी हैं. इस हादसे में एक को छोड़कर सभी यात्रियों की जान चली गई थी. ब्लैक बॉक्स की रिकवरी के बाद उसे डिकोड करना सबसे बड़ा तकनीकी काम था, जो एक विशेष अमेरिकी तकनीक 'गोल्डन चेसिस' की मदद से संभव हो सका.

इस विमान हादसे के बाद एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने घटनास्थल से दो ब्लैक बॉक्स बरामद किए. 24 जून को इन्हें जांच और डिकोडिंग के लिए दिल्ली स्थित लैब में लाया गया. परंपरागत रूप से क्षतिग्रस्त फ्लाइट रिकॉर्डर से डेटा निकालना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है और इसके लिए एक खास उपकरण की जरूरत होती है जिसे ‘गोल्डन चेसिस’ कहा जाता है.

अमेरिका से आया खास उपकरण

जांच के इस अहम मोड़ पर AAIB ने अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड (NTSB) से विशेष ‘गोल्डन चेसिस’ और डाउनलोड केबल मंगवाए. इनका उपयोग विशेष EAFR (Enhanced Airborne Flight Recorder) से डेटा निकालने के लिए किया गया. क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (CPM) को EAFR से निकाला गया और इस चेसिस पर फिट कर डेटा रिकवरी की गई.

49 घंटे की उड़ान और 2 घंटे की ऑडियो रिकवरी

गोल्डन चेसिस से निकाले गए डेटा में 49 घंटे की उड़ानों की जानकारी मिली, जिसमें हादसे वाली उड़ान समेत कुल 6 उड़ानों का रिकॉर्ड शामिल था. इसके साथ ही, रिकॉर्ड किया गया कॉकपिट ऑडियो दो घंटे का था, जिसमें घटना के समय की बातचीत और गतिविधियां दर्ज थीं. AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि इस ऑडियो और डेटा का विश्लेषण किया जा चुका है, जिससे कई जरूरी सुराग मिल सकते हैं.

पहले EAFR की स्थिति बेहद खराब

रिपोर्ट के अनुसार, पहले रिकॉर्डर की स्थिति इतनी खराब थी कि पारंपरिक तरीके से उससे डेटा नहीं निकाला जा सकता था. जांचकर्ताओं ने CPM को खोलकर उसकी मेमोरी को चेक किया लेकिन वह भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त निकली. ऐसे में केवल दूसरे EAFR से ही डेटा निकालना संभव हो पाया, जिसमें अमेरिकी गोल्डन चेसिस ने अहम भूमिका निभाई.

विशेषज्ञों की टीम कर रही जांच

एयरक्राफ्ट दुर्घटना की जांच को आगे बढ़ाने के लिए संजय कुमार सिंह को प्रभारी जांचकर्ता और जसबीर सिंह लरहगा को मुख्य जांचकर्ता बनाया गया है. इनके साथ विपिन वेणु वरकोठ, वीरारागवन के और वैष्णव विजयकुमार भी जांच टीम का हिस्सा हैं. इसके अलावा फ्लाइट ऑपरेशन्स, इंजीनियरिंग, एविएशन मेडिसिन, मनोविज्ञान और फ्लाइट रिकॉर्डिंग के विशेषज्ञों की टीम भी गहराई से मामले की पड़ताल में जुटी है, ताकि हादसे के असल कारणों का पता लग सके.

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