Air India Crash: टेकऑफ के बाद बंद हुए फ्यूल स्विच, लेकिन क्यों? AAIB की रिपोर्ट में इन सवालों के नहीं मिले जवाब!
12 जून को AI-171 क्रैश में 280 लोगों की मौत के बाद आई AAIB की रिपोर्ट ने कई अहम सवालों को अनसुलझा छोड़ दिया है. टेकऑफ के बाद दोनों इंजनों के फ्यूल कट-ऑफ स्विच कैसे और क्यों बंद हुए? क्या पायलटों से चूक हुई या तकनीकी गड़बड़ी थी? FAA की चेतावनी को क्यों नजरअंदाज किया गया? ये सवाल अब भी जांच में उलझे हैं.

12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 का क्रैश भारत के एविएशन इतिहास की सबसे भीषण त्रासदियों में से एक बन गया, जिसमें 280 से ज्यादा लोगों की जान गई. अब इस दर्दनाक हादसे पर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है, जिसने कुछ सवालों के जवाब तो दिए, लेकिन कई ऐसे अहम सवाल खड़े कर दिए हैं जिनका जवाब अब भी रहस्य बना हुआ है.
सबसे बड़ा सवाल यही है - टेकऑफ के ठीक बाद दोनों इंजनों के फ्यूल कट-ऑफ स्विच एक-एक सेकंड के अंतर पर क्यों बंद हुए? क्या यह इंसानी गलती थी, तकनीकी खराबी, या फिर किसी इलेक्ट्रॉनिक गड़बड़ी का नतीजा? कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट का सवाल और दूसरे का इनकार कुछ इशारा तो करता है, लेकिन यकीन से कुछ नहीं कहा जा सकता.
क्या यह हादसा उस चेतावनी की अनदेखी का नतीजा था जो FAA ने 2018 में दी थी? क्या लॉकिंग मैकेनिज्म की खामी को एयर इंडिया ने गंभीरता से नहीं लिया? और क्या इतनी ऊंचाई पर विमान को बचाया जा सकता था? AAIB की शुरुआती रिपोर्ट से कुछ परतें जरूर खुली हैं, लेकिन असली सच अभी भी जांच की गहराई में दबा है.
क्या वाकई फ्यूल कट-ऑफ हुआ था?
रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के ठीक बाद 08:08:42 UTC पर, दोनों इंजनों के फ्यूल कट-ऑफ स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ में एक-एक सेकंड के अंतर से चले गए. इससे इंजनों को ईंधन मिलना बंद हो गया और उन्होंने काम करना बंद कर दिया. लेकिन ये स्विच बंद क्यों हुए? इंसानी गलती, तकनीकी खराबी या इलेक्ट्रॉनिक फेलियर? यह साफ नहीं हुआ.
पायलट ने ही स्विच बंद किया या कुछ और?
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट दूसरे से पूछता है: "तुमने फ्यूल क्यों कट किया?", जवाब मिलता है, "मैंने नहीं किया." इससे यह तो जाहिर होता है कि कम-से-कम एक पायलट हैरान था, लेकिन असली जवाब कि स्विच किसने और कैसे बंद किए- नहीं मिल सका.
क्या पायलट विमान को बचा सकते थे?
पायलटों ने फ्यूल कट-ऑफ के 10–14 सेकंड के भीतर दोनों स्विच फिर से ‘RUN’ पर कर दिए और इंजन रिस्टार्ट का प्रोसेस शुरू हुआ. लेकिन विमान सिर्फ 625 फीट की ऊंचाई पर था. इतनी कम ऊंचाई और सिर्फ 29 सेकंड के समय में कोई भी रिस्टार्ट संभव नहीं था.
क्या विमान में पहले से कोई गड़बड़ी थी?
विमान का मेंटेनेंस रिकॉर्ड साफ था. न कोई फ्यूल स्विच खराबी की शिकायत, न कोई बड़ा तकनीकी अलर्ट. लेकिन 2018 में FAA ने एक सुरक्षा चेतावनी (SAIB) जारी की थी, जिसमें फ्यूल स्विच के लॉकिंग मैकेनिज्म के ढीले पड़ने की आशंका जताई गई थी. एयर इंडिया ने इसे "ऐच्छिक" मानते हुए फॉलो नहीं किया.
क्या एयर इंडिया ने 2018 की चेतावनी नजरअंदाज की?
FAA ने सुझाव दिया था कि बोइंग विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच के लॉकिंग फीचर चेक किए जाएं ताकि वाइब्रेशन या अनजाने टच से स्विच मूव न हो जाएं. एयर इंडिया ने इसे जरूरी नहीं माना और जांच नहीं की.
क्या ईंधन की गुणवत्ता में खराबी थी?
रिपोर्ट के अनुसार, एयरपोर्ट के फ्यूल ट्रक से लिए गए सैंपल संतोषजनक पाए गए. मतलब क्रैश की वजह ईंधन की खराब गुणवत्ता नहीं थी.
क्या मौसम या पक्षी टकराव का रोल था?
नहीं. मौसम सामान्य था, दृश्यता साफ और बर्ड हिट का कोई सबूत नहीं मिला.
अब क्या होगा?
- AAIB ने कहा है कि ये सिर्फ प्रारंभिक निष्कर्ष हैं. आगे ये जांच होगी:
- ब्लैक बॉक्स डेटा का विस्तृत विश्लेषण
- फ्यूल कंट्रोल स्विच की फिजिकल जांच
- साक्षात्कार, गवाहों और तकनीकी एक्सपर्ट की राय
- संबंधित रिकॉर्ड्स की दोबारा समीक्षा
आखिरी रिपोर्ट कब आएगी?
जांच में कई महीने या साल भी लग सकते हैं. अंतिम रिपोर्ट में दुर्घटना की वजह के साथ सुरक्षा सुझाव भी दिए जाएंगे. AAIB की शुरुआती रिपोर्ट ने जरूर कुछ दरवाज़े खोले हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल अभी भी कायम है - फ्यूल कट-ऑफ स्विच कैसे बंद हुए? जब तक इसका उत्तर नहीं मिलता, तब तक यह क्रैश रहस्य ही बना रहेगा.