आई लव मोदी बोले तो ठीक, I Love Mohammad बोले तो... AIMIM चीफ ओवैसी का तीखा हमला | Video
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर तीखा बयान देते हुए कहा कि देश में "आई लव मोदी" कहना आसान है लेकिन "आई लव मोहम्मद" कहने पर विरोध होता है. ओवैसी ने आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी के भाषण पर हमला करते हुए कहा कि RSS का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा. साथ ही पुलिस कार्रवाई, मुसलमानों की स्थिति और कानून को "मकड़ी का जाला" करार दिया.

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि इस देश में कोई खुलेआम "आई लव मोदी" कह सकता है और उसकी सराहना भी होती है, लेकिन अगर कोई "आई लव मोहम्मद" कहता है तो विवाद खड़ा हो जाता है. ओवैसी ने संभल मस्जिद विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि मुसलमानों की मस्जिदें छीनी जा रही हैं और धार्मिक पहचान को निशाना बनाया जा रहा है.
अपने भाषण में ओवैसी ने कहा कि वह मुसलमान हैं तो सिर्फ पैगंबर मोहम्मद की वजह से. उन्होंने कहा कि भारत के वे 17 करोड़ मुसलमान, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना खून पसीना बहाया, उन्हें अब लगातार कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. ओवैसी का कहना था कि जब "आई लव मोहम्मद" जैसे शब्दों पर आपत्ति जताई जाती है तो सवाल उठता है कि देश किस दिशा में जा रहा है.
पुलिस पर साधा निशाना
ओवैसी ने हिंसा और पुलिस कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ वीडियो में पुलिस लाठीचार्ज करती दिखती है और दुकानदार उन पर फूल बरसाते हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस सिर्फ सत्ता में बैठे लोगों के प्रति जवाबदेह होती है और सत्ता बदलते ही वही पुलिस आम जनता पर भी कार्रवाई करती है. ओवैसी ने सवाल उठाया कि जब मोहम्मद का नाम सम्मान से लिया जाता है तो उसे अपराध क्यों समझा जाता है.
कानून सिर्फ मकड़ी का जाला: AIMIM चीफ
ओवैसी ने लोगों से अपील की कि वे कानून अपने हाथ में न लें और शांतिपूर्वक संघर्ष करें. हालांकि, उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कानून असल में सिर्फ एक मकड़ी का जाला है. उन्होंने दावा किया कि आरएसएस के गठन के बाद उसके किसी भी सदस्य ने स्वतंत्रता आंदोलन में प्राणों की आहुति नहीं दी और न ही जेल गए.
आरएसएस की आजादी की भूमिका पर विवाद
आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में संघ के योगदान की तारीफ की थी. इस पर ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि आजादी की लड़ाई में आरएसएस का असल योगदान कहां था, क्योंकि इसके किसी भी सदस्य का बलिदान इतिहास में दर्ज नहीं है.
दुनिया जानती है पीएम झूठ बोलते हैं: ओवैसी का आरोप
ओवैसी ने पीएम मोदी के भाषण पर हमला बोलते हुए कहा कि सभी को पता है कि प्रधानमंत्री सच नहीं बोलते. उन्होंने कहा कि आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार भले ही दांडी मार्च में शामिल हुए थे, लेकिन उनका मकसद सिर्फ स्वतंत्रता सेनानियों को संघ की तरफ आकर्षित करना था. ओवैसी के इस बयान से एक बार फिर आरएसएस की भूमिका को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है.