...तो AI खा जाएगा लाखों नौकरियां! ये इनकम ग्रुप सबसे ज्यादा हो सकते हैं प्रभावित
आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि एआई का उपयोग समाज के मूल्यों के अनुरूप बनाने के लिए नियमों में बदलाव की जरूरत है. यदि कंपनियां एआई का सही तरीके से उपयोग नहीं करतीं, तो सरकार को हस्तक्षेप करना होगा. शिक्षा और कौशल विकास में निवेश करके भारत एआई से लाभ उठा सकता है. इसके लिए सरकार, निजी क्षेत्र और शिक्षा जगत का सहयोग जरूरी है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) जब से आया है तभी से इस बात की आशंका जताई जाती रही है कि यह लोगों की नौकरियों के लिए खतरा बन सकता है. लेकिन अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में भी इसे लेकर चिंता जताई गई है. इकोनॉमिक सर्वे में कहा कहा गया है कि AI के डेवलपर्स हेल्थ और रिसर्च से लेकर फाइनांस और एजुकेशन तक आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ऑटामेशन लाकर क्रांति का वादा करते हैं लेकिन इसके कुछ खतरनाक नतीजे भी हो सकते हैं.
सर्वे में कहा गया है कि जैसे-जैसे AI तरक्की कर रहा है, इसके कुछ नकरात्मक नतीजे भी सामने आ रहे हैं, विशेष रूप से मध्यम और निम्न आय वाले श्रमिकों के लिए, क्योंकि एआई विभिन्न क्षेत्रों में मानवीय निर्णय लेने की प्रक्रिया को पार कर रहा है, जिससे बड़े पैमाने पर नौकरियां जा सकती हैं.
आर्थिक सर्वेक्षण एक बजट-पूर्व दस्तावेज होता है जो पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में हुए विकास की समीक्षा करता है, प्रमुख विकास कार्यक्रमों कहां तक सफल हुए, इसकी समरी बताता है, और सरकार की नीतिगत पहलों और अल्प से मध्यम अवधि में अर्थव्यवस्था की संभावनाओं पर प्रकाश डालता है.
AI नौकरियों के लिए दोधारी तलवार है
AI का आना चुनौतियों और अवसरों दोनों को प्रस्तुत करता है. सर्वेक्षण में चेतावनी दी गई है कि पिछले तकनीकी बदलावों के कारण अक्सर नए अवसर सामने आने से पहले ही नौकरियां चली जाती हैं. जबकि AI उत्पादकता और नवाचार को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन सुरक्षा उपायों के बिना इसका तेजी से उपयोग कईयों को बेरोजगार कर सकता है. इस बदलाव से निपटने के लिए, भारत को पुनः स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. सरकार ने 200 से अधिक मॉडर्न कौशल पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, लेकिन श्रमिकों को AI रेडी बनाने के लिए पहुंच और उद्योग प्रासंगिकता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा. आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, हमें अब सरकार, निजी क्षेत्र और शिक्षा जगत के बीच समन्वित प्रयासों की जरूरत है, ताकि भविष्य में एआई लोगों को बेरोजगार बनाने की बजाय नए अवसर पैदा करे.