PM CARES Fund में कोरोना के बाद 912 करोड़ रुपये, सिर्फ ब्याज है 500 करोड़ से अधिक
PM CARES Fund: कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन लागू होने के तीसरे दिन, मोदी सरकार ने पीएम केयर्स फंड की स्थापना की थी. इस फंड को बनाने का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य आपातकाल या अन्य आपदा स्थितियों से निपटने के लिए आर्थिक संसाधनों को सुनिश्चित करना था.
कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन लागू होने के तीसरे दिन, मोदी सरकार ने पीएम केयर्स फंड (Prime Minister's Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations Fund) की स्थापना की थी. इस फंड को बनाने का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य आपातकाल या अन्य आपदा स्थितियों से निपटने के लिए आर्थिक संसाधनों को सुनिश्चित करना था. इस समय कोरोना का प्रभाव काफी कम हो गया है लेकिन पीएम केयर्स फंड में अभी भी पैसे आ रहे हैं. आकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 912 करोड़ रुपये जमा हुए है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 912 करोड़ रुपये के दान के अलावा, फंड को ब्याज आय के रूप में 170.38 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिसमें 154 करोड़ रुपये नियमित खातों पर ब्याज से और 16.07 करोड़ रुपये विदेशी योगदान खाते से आए. इसके अतिरिक्त, फंड को विभिन्न स्रोतों से लगभग 225 करोड़ रुपये की रिफंड राशि भी प्राप्त हुई, जिसमें केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा संचालित सरकारी अस्पतालों को 50,000 'मेड इन इंडिया' वेंटिलेटर की खरीद पर 202 करोड़ रुपये का रिफंड शामिल है.
जानिए कितना पहुंचा डोनेशन का आंकड़ा?
आंकड़ों के अनुसार, पीएम केयर्स फंड ने साल 2022-23 के दौरान कुल 439 करोड़ रुपये वितरित किए. जिनमें से बच्चों के लिए पीएम केयर्स योजना में 346 करोड़ रुपये, 99,986 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद के लिए 91.87 करोड़ रुपये, वापस किए गया पैसा 1.51 करोड़ रुपये. कानूनी शुल्क पर 24,000 रुपये और बैंक शुल्क और एसएमएस शुल्क पर 278 करोड़ रुपये.
वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में पीएम केयर्स फंड का क्लोजिंग बैलेंस 6,284 करोड़ रुपये था, जो 2021-22 के अंत में 5,416 करोड़ रुपये से 16% अधिक है. 2020-21 में यह 7,014 करोड़ रुपये और 2019-20 में 3,077 करोड़ रुपये था. कुल मिलाकर, 2019-20 से 2022-23 के बीच फंड को स्वैच्छिक योगदान के रूप में 13,067 करोड़ रुपये और विदेशी योगदान के रूप में 538 करोड़ रुपये मिले. इस अवधि में फंड को ब्याज आय के रूप में 565 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.





