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किश्तवाड़ में बादल फटने के बाद तबाही का मंजर, अबतक 56 लोगों की मौत, 200 से ज्यादा लापता; जानें कैसे आई आपदा

सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में कीचड़, गाद और मलबे से भरे बाढ़ के पानी को ऊँची पहाड़ियों से नीचे उतरते देखा जा सकता है. रास्ते में आने वाली हर चीज बह गई घर पत्तों की तरह ढह गए, सड़कें और बचाव मार्ग कट गए, और भूस्खलन ने पूरे क्षेत्र को मलबे में बदल दिया.

किश्तवाड़ में बादल फटने के बाद तबाही का मंजर, अबतक 56 लोगों की मौत, 200 से ज्यादा लापता; जानें कैसे आई आपदा
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( Image Source:  X : @GoJammukashmir )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 15 Aug 2025 6:55 AM IST

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को एक भयानक प्राकृतिक आपदा आई, जब सुंदर पहाड़ी गांव चशोती में बादल फट गया. इस हादसे में अब तक कम से कम 56 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, करीब 200 लोग लापता बताए जा रहे हैं और उनकी तलाश जारी है. आशंका है कि इनमें से कई लोग मलबे में दबे हो सकते हैं. आपदा प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी मोहम्मद इरशाद ने बताया कि गुरुवार रात को बचाव कार्य रोकना पड़ा था, लेकिन अब फिर से ऑपरेशन तेज़ी से जारी है. घटनास्थल से अब तक 56 शव निकाले जा चुके हैं.

सेना की रेस्क्यू टीमों के साथ मिलकर प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य चला रहा है. अधिकारियों के मुताबिक, चशोती गांव में सूरज ढलने तक बचावकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद मलबे के ढेर से करीब 300 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. इनमें से दर्जनों की हालत गंभीर है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मरने वालों में सीआईएसएफ के 2 जवान भी शामिल हैं.

कैसे हुआ हादसा

अधिकारियों के अनुसार, यह आपदा उस समय आई जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु मचैल माता मंदिर की यात्रा के लिए चशोती गांव में इकट्ठा हुए थे। यह घटना दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच हुई. मंदिर समुद्र तल से 9,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है, और गांव से आगे 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है. हादसे के समय गांव में श्रद्धालुओं के लिए एक लंगर लगाया गया था, जो बादल फटने से सबसे अधिक प्रभावित हुआ. अचानक आई बाढ़ ने कई दुकानों, घरों और एक सुरक्षा चौकी को बहा दिया.

तबाही के दृश्य

सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में कीचड़, गाद और मलबे से भरे बाढ़ के पानी को ऊँची पहाड़ियों से नीचे उतरते देखा जा सकता है. रास्ते में आने वाली हर चीज बह गई घर पत्तों की तरह ढह गए, सड़कें और बचाव मार्ग कट गए, और भूस्खलन ने पूरे क्षेत्र को मलबे में बदल दिया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया और पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर कहा कि प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जाएगी और स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात कर हालात का जायजा लिया. शाह ने बताया कि एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं और बचाव कार्य में जुटी हैं.

मचैल माता यात्रा स्थगित

अधिकारियों ने हादसे के बाद इस साल की मचैल माता यात्रा फिलहाल स्थगित कर दी है. उन्होंने बताया कि पहाड़ी की तलहटी में बसी घनी बस्ती में आई अचानक बाढ़ ने कई घरों को भारी नुकसान पहुंचाया है.

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