अहमदाबाद के बाद महिसागर में भी खून-खराबा, मामूली बहस पर 8वीं के छात्र ने सहपाठी को चाकू से गोदा
गुजरात में स्कूल हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. अहमदाबाद में 10वीं के छात्र की हत्या के बाद अब महिसागर के बालासिनोर कस्बे में 8वीं कक्षा के छात्र ने मामूली विवाद में सहपाठी पर चाकू से हमला कर दिया. पीड़ित की कमर, पेट और कंधे पर गंभीर चोटें आईं, हालांकि हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.

गुजरात के महिसागर जिले के बालासिनोर कस्बे में गुरुवार को एक चौंकाने वाली घटना घटी. यहां कक्षा 8 के छात्र ने अपने ही सहपाठी पर चाकू से हमला कर दिया. विवाद की वजह बेहद मामूली थी. दोनों छात्र अवकाश के समय क्लास से बाहर निकलने के लिए दरवाजे पर एक साथ पहुँचे और इस बात पर बहस होने लगी कि पहले कौन निकलेगा. देखते ही देखते यह बहस झगड़े में बदल गई.
पुलिस के अनुसार झगड़े के बाद आरोपी छात्र ने स्कूल खत्म होने पर चाकू निकाला और अपने सहपाठी पर वार कर दिया. पीड़ित छात्र को कमर, पेट और कंधे पर तीन बार चाकू मारा गया. मौके पर मौजूद बच्चों और शिक्षकों ने तुरंत घायल को अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टरों ने कहा कि छात्र की हालत खतरे से बाहर है लेकिन चोटें गंभीर थीं. अस्पताल प्रशासन ने घटना की सूचना पुलिस को दी.
छुट्टी में हुई थी हाथापाई
महिसागर के पुलिस अधीक्षक जयदीपसिंह जडेजा ने बताया कि यह झगड़ा स्कूल के छुट्टी के दौरान शुरू हुआ था. छुट्टी के वक्त एक छात्र ने अपने सहपाठी को मुक्का मारा. स्कूल खत्म होने तक मामला शांत रहा लेकिन जैसे ही छुट्टी हुई आरोपी ने चाकू लेकर हमला कर दिया. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि चाकू स्कूल में पहले से लाया गया था या बाहर से लाकर इस्तेमाल किया गया.
अहमदाबाद की हत्या के बाद दूसरी बड़ी वारदात
यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब हाल ही में अहमदाबाद में 10वीं कक्षा के छात्र नयन सांतानी की हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर दिया था. वहां एक जूनियर छात्र ने पेपर कटर से हमला कर उसकी जान ले ली थी. जांच में सामने आया कि अहमदाबाद की घटना अचानक नहीं थी बल्कि दोनों छात्रों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. महिसागर की घटना ने एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था और स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
लगातार हो रही इन घटनाओं से यह साफ हो रहा है कि बच्चों के बीच छोटी-सी तकरार भी बड़े हादसे का रूप ले सकती है. अहमदाबाद और महिसागर दोनों ही मामलों में स्कूल प्रशासन की सतर्कता न होना भारी पड़ा. विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों के बीच झगड़ों और बदमाशी को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है. समय रहते काउंसलिंग और निगरानी जरूरी है वरना ऐसी घटनाएँ बच्चों की जान तक ले सकती हैं.