हमें लेकर जो कहा जा रहा वो झूठ... अफगान के विदेश मंत्री की PC में महिला पत्रकारों की No Entry पर अब तालिबान ने दी सफाई
Amir Khan Muttaqi: अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बाहर रखा जाना एक बड़ा विवाद बन गया है. अब तालिबान की ओर से कहा गया कि उनकी तरफ से महिलाओं को बाहर रहने का कोई निर्देश नहीं दिया गया था. इसके पीछे तालिबान का कोई हाथ नहीं है.

Amir Khan Muttaqi: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी अपने भारत दौरे को लेकर चर्चा में हैं. उन्होंने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जो कि विवादों में आ गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि पीसी के दौरान महिला पत्रकारों को बाहर कर दिया गया था. विपक्ष ने इसे आश्चर्यजनक और अस्वीकार्य बताया.
विपक्षी पार्टियों का कहना है कि यह कदम भारत की महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाई. सोशल मीडिया पर मुद्दे को लेकर काफी बवाल हो रहा है. अब शनिवार (11 अक्टूबर) को तालिबान के राजनीतिक चीफ सुहैल शाही ने इस पर सफाई दी है.
तालिबान ने दी बधाई
सुहैल शाही ने एक्स पोस्ट में लिखा कि उनकी तरफ से महिलाओं को बाहर रहने का कोई निर्देश नहीं दिया गया था. इसके पीछे तालिबान का कोई हाथ नहीं है. विवाद पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि उस प्रेस कॉन्फ्रेंस से भारत का कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे में महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस को बाहर रखने में हमारा भी कोई हाथ नहीं है.
दावे में सच्चाई नहीं
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, शाही ने अपने बयान में यह भी कहा कि हमें लेकर जो भी कहा जा रहा है वो बिल्कुल सच नहीं है. अफगानिस्तान में भी महिला पत्रकार हैं और वो सभी मीडिया संस्थानों में काम कर रही हैं.
उन्होंने बताया कि काबुल में मुत्ताकी खुद ही महिला पत्रकारों से लगातार मिलते हैं. साथ ही सवालों के जवाब देते हैं. यहां पर महिला पत्रकारों को कोई बैन नहीं है.
विपक्ष ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया कि क्या महिलाओं के अधिकारों का समर्थन सिर्फ चुनाव प्रचार का हिस्सा है, जब इस तरह की अपमानजनक घटना भारत में ही संभव हो रही है. उन्होंने लिखा, अगर महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी प्रतिबद्धता सच है, तो भारत की कुछ सबसे कुशल महिलाओं का यह अपमान कैसे होने दिया गया?
वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि जो प्रवृत्ति महिला पत्रकारों को सार्वजनिक मंच से बाहर करने की अनुमति देती है, उससे हर महिला को यह संदेश जाता है कि प्रधानमंत्री उनके लिए खड़े होने के बजाय कमजोर हैं. उन्होंने मोदी की चुप्पी को नारी शक्ति के नारे की खोखली झलक बताया.
महुआ मोइत्रा का बयान
त्रिकोणीय कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने भी कहा कि सरकार ने भारतीय महिलाओं का अपमान किया है जब उन्होंने एक तालिबान मंत्री को महिला पत्रकारों को बाहर करने की इजाजत दी. वहीं संपादक गिल्ड ऑफ इंडिया ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे स्पष्ट जेंडर भेदभाव बताया. उन्होंने कहा कि मीडिया और संबंधित अधिकारियों की निष्क्रियता चिंतिाजनक है और भारत सरकार से अनुरोध किया कि मीडिया पहुंच में जेंडर इक्वलिटी पर ध्यान दें.