Yearender: साल 2024 में सुप्रीम कोर्ट के 10 बड़े फैसलों पर एक नजर
Yearender 2024: सुप्रीम कोर्ट ने साल 2024 में ऐतिहासिक फैसले सुनाए, जिनमें से 10 फैसलों का जिक्र हम यहां करने वाले हैं.

Yearender 2024: साल 2024 भारत की न्यायपालिका के लिए एक ऐतिहासिक काल रहा है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए. इन फैसलों ने देश को कानूनी, सामाजिक और राजनीतिक रुप से एक नई दिशा दी है.
बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में दोषियों को क्षमादान देने से लेकर चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करने तक, सुप्रीम कोर्ट के फैसलों ने देश भर में बहस और चर्चाओं को गर्म कर दिया.
आइए यहां साल 2024 में सुप्रीम कोर्ट के 10 फैसलों पर एक नजर डालते हैं-
1. बिलकिस बानो केस
सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी, 2024 को बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले और 2002 के गुजरात दंगों के दौरान उसके सात परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को माफी देने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया और आदेश दिया कि उन्हें दो सप्ताह के भीतर वापस जेल भेज दिया जाए.
2. चुनावी बांड योजना
सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी, 2024 को एक ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार दिया.
3. 1998 पीवी नरसिम्हा राव फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च, 2024 को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि संसद, विधानमंडल में भाषण या वोट के लिए रिश्वत लेना सदन के विशेषाधिकार के दायरे में नहीं आएगा.र्व चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने 1998 के पीवी नरसिम्हा राव केस में दिए गए फ़ैसले पर कहा- 'पीवी नरसिम्हा राव केस में फ़ैसला एक विरोधाभासी स्थिति पैदा करने वाला फ़ैसला है.'
4. एससी-एसटी कोटे में उप-वर्गीकरण
सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त, 2024 को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि एससी-एसटी वर्ग के ही ज्यादा जरूरतमंदों को आरक्षण का लाभ देने के लिए राज्य एससी, एसटी वर्ग में उपवर्गीकरण कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 20 साल पुराने पांच न्यायाधीशों के ईवी चिनैया (2004) मामले में दी गई व्यवस्था को गलत ठहरा दिया था.
5. चाइल्ड पोर्नोग्राफी POCSO अधिनियम के तहत अपराध
23 सितंबर को एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाल पोर्नोग्राफ़िक मेटेरियल का स्टोरेज यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत अपराध है.
6. सिटीजनशीप एक्ट 6A की संवैधानिक वैधता
सुप्रीम कोर्ट ने17 अक्टूबर को सिटीजनशिप एक्ट की धारा 6A की वैधता पर अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने धारा 6A की वैधता को बरकरार रखा है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ का कहना था कि 6A उन लोगों को नागरिकता प्रदान करता है जो संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत नहीं आते हैं और ठोस प्रावधानों के अंतर्गत नहीं आते हैं.
7. उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004
सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 को संवैधानिक घोषित कर दिया.
8. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा
सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने 8 नवंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) को लेकर बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को बरकरार रखा है. 1920 में एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा हासिल हुआ.
9. बुलडोजर एक्शन पर फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कार्यपालिका मनमाने तरीके से किसी नागरिक के घर को इस आधार पर ध्वस्त करती है कि उस पर किसी अपराध का आरोप है तो यह संविधान और कानून का उल्लंघन है.
10. जेलों में जाति आधारित भेदभाव
सुप्रीम कोर्ट ने 13 अक्टूबर को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि देश की किसी भी जेल में जाति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जेल नियमावली में मौजूद ऐसे सभी प्रावधानों को हटाया जाना चाहिए जो इस तरह के भेदभाव को बढ़ावा देते हैं.