स्मारक पर सियासत! 'अपने गुरु को दो गज जमीन तक नहीं दी', कांग्रेस पर भड़के नरसिम्हा राव के भाई
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनकी अंत्येष्टि और स्मारक को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान नहीं दिखा रही है. जिसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के भाई ने कांग्रेस पर तीखा वार किया है.

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनकी अंत्येष्टि और स्मारक को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान नहीं दिखा रही है. कांग्रेस की मांग है कि जिस प्रकार अटल बिहारी वाजपेयी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार और स्मारक का निर्माण हुआ, उसी तरह मनमोहन सिंह के लिए भी किया जाए.
इस विवाद के बीच कुछ लोगों को पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की याद आई, जिनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करने की अनुमति नहीं दी गई थी. यहां तक कि उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में स्थान देने से भी इनकार कर दिया गया था. इस विषय पर नरसिम्हा राव के भाई, मनोहर राव ने कांग्रेस और सोनिया गांधी की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने इन घटनाओं को परिवारवाद और पक्षपात का उदाहरण बताया है.
ये क्या बोले पी.वी. नरसिम्हा राव के भाई?
पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के भाई मनोहर राव ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित करने के मुद्दे पर कहा, 'कांग्रेस को 20 साल पीछे देखना चाहिए कि उन्होंने अपने नेता पीवी नरसिम्हा राव को कितना सम्मान दिया. यहां तक कि सोनिया गांधी भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुईं. कांग्रेस ने उनके लिए एक भी प्रतिमा नहीं बनवाई और न ही उन्हें भारत रत्न दिया. आप अपनी औपचारिकताएं पूरी करें, फिर भाजपा निश्चित रूप से डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जमीन देगी. कांग्रेस ने नरसिम्हा राव के लिए एआईसीसी कार्यालय के द्वार भी नहीं खोले.'
भाजपा अभी तक डॉ. मनमोहन सिंह की आलोचना करती है; जयराम रमेश
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, 'बीजेपी आज तक डॉ. मनमोहन सिंह की आलोचना करती है. जब वे वित्त मंत्री थे, तब उन्होंने देश के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की मजबूत स्थिति उन्हीं की वजह से है. वे विनम्रता, शांति, योग्यता और सौम्यता की प्रतिमूर्ति थे. उन्होंने देश को बेहतर बनाया और हम सभी को नई उम्मीद दी'