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कर्नाटक में जहर देकर मारे गए 4 शावक समेत 5 बाघ! ​कौन देगा जवाब? अधिकारियों की भी मिलीभगत का शक

कर्नाटक के मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा कि चामराजनगर के माले महादेश्वर वन्यजीव अभ्यारण्य में एक बाघिन और उसके चार शावकों की अप्राकृतिक मौत की सूचना मिली है. यह गंभीर मामला है. जांच के आदेश दिए गए हैं. अफसरों को शक है कि एक बाघिन और 4 शावकों को जहर देकर मारा गया है. उच्च अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है.

कर्नाटक में जहर देकर मारे गए 4 शावक समेत 5 बाघ! ​कौन देगा जवाब? अधिकारियों की भी मिलीभगत का शक
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कर्नाटक से बेहद परेशान करने वाली घटना सामने आई है. इस घटना ने पर्यावरण संरक्षणवादियों और वन्यजीव प्रेमियों के बीच गंभीर चिंता की स्थिति पैदा कर दी है. दरअसल, चामराजनगर जिले के हूग्याम फॉरेस्ट रेंज के माले महादेश्वर मीन्यम वन्यजीव अभ्यारण्य में एक बाघिन समेत 4 शावकों के शव पाए गए हैं. कुल पांच बाघ के मौत की सूचना है. अधिकारियों के मुताबिक यह पहली घटना है, जब एक साथ चार बाध मृत पाए गए हैं. वन्य अधिकारियों को संदेह है कि यह मामला बाघों को 'जहर' देकर मारने का हो सकता है.

वन अधिकारियों द्वारा की गई प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि बाघों की मौत जहर के कारण हुई है. हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह सच निकला तो कर्नाटक के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को गहरा झटका देने वाला साबित होगा.

अफसरों के गश्त के दौरान मौत का मामला आया सामने

इस घटना का खुलासा उस समय हुआ जब गश्त पर निकले वन कर्मचारियों ने हनूर वन क्षेत्र में बाघों के शव देखे, जिससे कर्नाटक वन विभाग में हड़कंप मच गया. अधिकारियों को संदेह है कि जानवरों को दूषित मांस के जरि जहर दिया होगा.

क्षेत्र के लोगों में गहरा आक्रोश

इस घटना के बाद से लोगों और वन्य जीव संरक्षकों में गहरा आक्रोश है. अधिकारियों के सामने लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराया है. इससे वन्य जीव संरक्षण, सतर्कता और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल भी उठ खड़े हुए हैं.

अफसरों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

वन अधिकारियों ने बताया कि बाघिन ने कुछ दिन पहले एक गाय को मारा था. माना जा रहा है कि शव में जहर मिलाया गया था. सूत्रों के अनुसार एमएम हिल्स और उसके आस-पास बाघों की हरकतों से परेशान कुछ ग्रामीणों ने मिलकर इस काम को अंजाम दिया होगा. पांचों बाघ को जहर देकर मारा गया या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए शुक्रवार को शव परीक्षण किया जाएगा.

वन्यकर्मी पाए गए लिप्त तो क्रिमिनल केस होगा दर्ज- ईश्वर खंड्रे

कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने मौतों को "अप्राकृतिक" बताया और जांच के आदेश दिए. उन्होंने तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश की जानी है. खंड्रे ने कहा, "यदि वन कर्मचारियों की लापरवाही पाई जाती है या यदि मौतें बिजली के झटके, जहर या किसी अन्य कारण से हुई हैं, तो आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा."

मंत्री ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा, "यह एक गंभीर घटना है. हमारे संरक्षित रिजर्व में से एक में चार बाघों की अप्राकृतिक मौत अस्वीकार्य है. यदि वन कर्मियों द्वारा कोई लापरवाही बरती गई या बदमाशों ने कोई गलत काम किया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी."

कर्नाटक में बाघों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी

कर्नाटक में भारत में बाघों की दूसरी सबसे अधिक आबादी है, जहां नवीनतम जनगणना में 563 बाघ दर्ज किए गए हैं. राज्य हमेशा से बाघ संरक्षण के लिए आदर्श रहा है, नागरहोल, बांदीपुर और बीआरटी हिल्स जैसे अभयारण्यों को सफलता की कहानी माना जाता है. एक ही झटके में चार बाघों -तीन शावकों और उनकी मां- की मौत ने उस छवि को गहरा झटका दिया है.

जांच के लिए 6 सदस्यीय समिति गठित

घटना की जांच के लिए गठित छह सदस्यीय टीम में शामिल प्रसिद्ध वन्यजीव जीवविज्ञानी डॉ. संजय गुब्बी ने कहा, "यह सिर्फ वन्यजीवों की क्षति नहीं है, यह हमारी विरासत और संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की क्षति है."

फिलहाल, वन विभाग ने एक विशेष छह सदस्यीय जांच दल का गठन किया है: बी.पी. रवि पीसीसीएफ (टीम प्रमुख), श्रीनिवासुलु- एपीसीसीएफ, हीरालाल टी. सीएसआईसीएफ, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय गुब्बी शव के नमूनों का निरीक्षण करेगी और जहर या बिजली के झटके की संभावना की जांच करेगी.

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