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कश्मीर में गुलमर्ग से डल झील तक 48 पर्यटन स्थल बंद, आतंकी हमले की आशंका के बाद बड़ा कदम

हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ा सुरक्षा कदम उठाते हुए 48 प्रमुख पर्यटन स्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है. दूधपथरी, गुलमर्ग, डल झील और सोनमर्ग जैसे लोकप्रिय जगहें अब पर्यटकों के लिए बंद हैं. इस फैसले का मुख्य मकसद आतंकी हमले की आशंका के बीच पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

कश्मीर में गुलमर्ग से डल झील तक 48 पर्यटन स्थल बंद, आतंकी हमले की आशंका के बाद बड़ा कदम
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 29 April 2025 10:52 AM IST

गुलमर्ग से लेकर डल झील तक, कश्मीर के करीब 48 लोकप्रिय पर्यटक स्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. यह कदम सुरक्षा एजेंसियों को मिले संभावित आतंकी हमले के खुफिया इनपुट के बाद उठाया गया है. प्रशासन ने पर्यटकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इन जगहों पर लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.

खासकर उन इलाकों में जहां भारी संख्या में सैलानी आते हैं, वहां सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है. श्रीनगर, पहलगाम, सोनमर्ग जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है. फिलहाल यह निर्णय एहतियातन लिया गया है, और हालात की समीक्षा के बाद ही आगे कोई कदम उठाया जाएगा.

खुफिया इनपुट और रणनीति का दबाव

यह फैसला सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट पर आधारित है. खुफिया इनपुट के मुताबिक, हालिया हमले के बाद कुछ आतंकी स्लीपर सेल सक्रिय हो गए हैं और उन्हें घाटी में फिर से हिंसा फैलाने के निर्देश मिले हैं. टीआरएफ (The Resistance Front) जैसे आतंकी संगठनों की साजिशों को देखते हुए खास टीमों को तैनात किया गया है, ताकि किसी भी बड़ी घटना से पहले उसे रोका जा सके.

आर्थिक उम्मीदों पर पानी फिरने का डर

इस सुरक्षा संकट का सबसे गहरा असर कश्मीर की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है. होटल, ट्रैवल कंपनियों और फल व्यापारियों के लिए जो उम्मीदें बनी थीं, वे अब डगमगाने लगी हैं. निवेशकों का विश्वास कम हो सकता है, जिससे घाटी में रोजगार और आय के अवसरों पर असर पड़ना तय है.

आम लोगों पर सीधा असर

स्थानीय लोगों के लिए पर्यटन सिर्फ एक व्यवसाय नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की आजीविका का ज़रिया है. पर्यटन स्थलों के बंद होने से टैक्सी ड्राइवर, गाइड, होटल वर्कर और छोटे दुकानदार सभी प्रभावित होंगे. अगर हालात जल्द नहीं सुधरे, तो इससे लोगों की रोज़ी-रोटी और घाटी की स्थिर होती अर्थव्यवस्था को लंबा झटका लग सकता है.

आतंकी हमला
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