ट्रैफिक जाम में रेंगने की नहीं आएगी नौबत, शिमला हाईवे पर बनेगा दुनिया का सबसे लंबा रोपवे, जानें कितनी देर में पूरा होगा सफर
शिमला और परवाणू को जोड़ने वाला 40 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जाएगा. इससे ट्रैवलिंग का टाइम कम होगा. साथ ही, टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा. इस प्रोजेक्ट का मकसद मॉर्डन सर्विस के साथ-साथ रोजाना हजारों ट्रैवलर्स को संभालना है.
अब शिमला घूमने वालों के लिए सरकार एक तोहफा लेकर आई है. जहां अब लोगों के घंटों जाम में फंसना नहीं पड़ेगा, क्योंकि अब शिमला में 40 किलोमीटर लंबा रोपवे बनने जा रहा है. यह दुनिया का सबसे लंबा रोपवे होगा. इस रोपवे शिमला को हरियाणा के पंचकूला के करीब एक शहर परवाणू से जोड़ेगा.
परवाणू से शिमला पहुंचने में दो घंटे लगने चाहिए, लेकिन हाईवे के कारण यह सफर लंबा हो जाता है, क्योंकि यहां रोजाना हजारों की संख्या में लोग घूमने जाते हैं. चलिए जानते हैं इस रोपवे के बारे में.
कितना लगेगा समय?
इस रोपवे के बनने से आप केवल 90 मिनट में पहुंच जाएंगे. यह रोपवे 40 किमी से थोड़ा लंबा होगा, जिसे बनाने में 5,600 करोड़ रुपये लगेंगे. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में पांच साल का समय लगेगा. एक बार जब यह बनकर तैयार हो जाएगा, तो इससे टूरिज्म को बेहद बढ़ावा मिलेगा. साथ ही, हाईवे पर भीड़भाड़ भी कम हो जाएगी.
किसे सौंपा गया काम?
राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट का काम रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (RTDC) को सौंपा है. इस एजेंसी ने प्राइवेट प्लेयर्स से प्रोजेक्ट्स के लिए प्रपोजल इनवाइट किए हैं. जिस फर्म को इस काम के लिए चुना जाएगा, उसे टिकट बिक्री, रास्ते के साथ साथ स्टेशनों पर कमर्शियल लीज के साथ रोपवे का डिजाइन, फाइनेंस, कंस्ट्रक्ट, ऑपरेट और खरखाव करना होगा, जिससे पैसा कमाया जाएगा.
रोजाना चलती हैं इतनी गाड़ियां
इस रोपवे के बनने से कई तरह की परेशानियां कम हो जाएंगी. खासतौर पर लैंडस्लाइड से निपटने में मदद मिलेगी, जो अब अक्सर बड़े ट्रैफ़िक जाम से घिरे रहते हैं. शिमला और परवाणू के बीच इस रूट पर रोजाना लगभग 22,000 गाड़ियां चलती हैं. वीकेंड के टाइम पर यह नंबर 45,000 तक बढ़ जाते हैं. इसके कारण ट्रैवलिंग टाइम भी ज्यादा लगता है.





