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ये आराम का मामला है! 3rd AC कोच रेलवे के लिए बने गेम चेंजर, इनसे ही हो रही एक तिहाई कमाई

महामारी के बाद भारतीय रेलवे में बड़ा बदलाव आया है. एसी 3-टियर सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली श्रेणी बन गई है. यात्री अब आरामदायक यात्रा के लिए अधिक भुगतान कर रहे हैं. रेलवे का कुल यात्री राजस्व बढ़ा है, जबकि नॉन-एसी यात्रियों की संख्या घटी है. किराए में भी वृद्धि हुई है, जिससे रेलवे को ज्यादा कमाई हो रही है.

ये आराम का मामला है! 3rd AC कोच रेलवे के लिए बने गेम चेंजर, इनसे ही हो रही एक तिहाई कमाई
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( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 5 Nov 2025 6:16 PM IST

कोरोना ये आराम का मामला है! 3rd AC कोच रेलवे के लिए बने गेम चेंजर, इनसे ही हो रही एक तिहाई कमाईमहामारी के बाद भारतीय रेलवे में बड़ा बदलाव देखने को मिला है, खासतौर पर यात्री राजस्व और यात्रा करने के तरीके में. बीते पांच वर्षों में रेलवे को मिलने वाले यात्री राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा अब एसी 3-टियर से आ रहा है. भले ही इस श्रेणी में यात्रा करने वालों की संख्या केवल 26 करोड़ है, लेकिन यह 2024-25 में अनुमानित 80,000 करोड़ रुपये के कुल यात्री राजस्व का 38 प्रतिशत यानी 30,089 करोड़ रुपये कमा रही है.

एसी 3-टियर की बढ़ती लोकप्रियता यह दिखाती है कि अब लोग आरामदायक यात्रा पर ज्यादा खर्च करने को तैयार हैं. पिछले पांच वर्षों में इस श्रेणी की कमाई में 19.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है, जो बताता है कि यात्री अधिक सुविधा के लिए अतिरिक्त भुगतान कर रहे हैं. 2019-20 में 11 करोड़ यात्री एसी 3-टियर में यात्रा कर रहे थे, जो 2024-25 में बढ़कर 26 करोड़ हो गए. इसी दौरान इस श्रेणी का राजस्व 12,370 करोड़ रुपये से बढ़कर 30,089 करोड़ रुपये हो गया.

पहले स्लीपर से आता था रेवेन्यू

पहले सेकंड क्लास स्लीपर रेलवे के यात्री रेवेन्यू का सबसे बड़ा हिस्सा था. 2019-20 में इस श्रेणी से 13,641 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी, लेकिन 2024-25 में यह घटकर 15,603 करोड़ रुपये रह गई. हालांकि, स्लीपर क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है, फिर भी रेलवे को मिलने वाले कुल राजस्व में इसकी हिस्सेदारी अब घटकर 19.5 प्रतिशत रह गई है.

किराए में आया है बदलाव

पिछले पांच वर्षों में रेलवे के किराए में भी बदलाव आया है एसी 3-टियर का औसत किराया 2019-20 में 1090 रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर 1171 रुपये हो गया. हालांकि, एसी फर्स्ट क्लास, एसी चेयर कार और एसी 2-टियर के किराए में इससे अधिक वृद्धि दर्ज की गई. एसी फर्स्ट क्लास का किराया 25.38 प्रतिशत, एसी चेयर कार का 23.24 प्रतिशत और एसी 2-टियर का 18.22 प्रतिशत बढ़ा. स्लीपर क्लास के किराए में 10.64 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

बेहतर यात्रा के लिए खर्च कर रहे ज्यादा पैसे

यात्रियों की प्राथमिकताएं भी बदली हैं. 2019-20 में एसी क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 18 करोड़ थी, जो 2024-25 में बढ़कर 38 करोड़ हो गई. दूसरी ओर, नॉन-एसी क्लास के यात्रियों की संख्या 790 करोड़ से घटकर 688 करोड़ रह गई. यह बदलाव बताता है कि महामारी के बाद लोग बेहतर यात्रा अनुभव के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने को तैयार हैं, जिससे रेलवे को अधिक राजस्व प्राप्त हो रहा है.

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