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पैदा हुए मुस्‍लिम, 77 साल बिताई सिख की जिंदगी- अली खान कैसे बन गए छोटा सिंह? कहानी Emotional वाली

छोटा सिंह गांव वालों को भी दुआएं देते नहीं थक रहे जिन्‍होंने अपनों की तलाश की इस यात्रा में उनका पूरा साथ दिया. वो कहते हैं, 'मैं नहीं जानता था कि कैसे अपने परिवार वालों से मिलूं. गांव वालों ने मेरे लिए सबकुछ किया.'

पैदा हुए मुस्‍लिम, 77 साल बिताई सिख की जिंदगी- अली खान कैसे बन गए छोटा सिंह? कहानी Emotional वाली
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 6 Nov 2024 7:44 PM IST

1947 में आजादी के साथ ही भारत और पाकिस्‍तान का बंटवारा भी हो गया. लेकिन कई परिवार और लोग ऐसे भी रहे जिनके लिए बंटवारा कभी खत्‍म ही नहीं हुआ. ऐसे ही लोगों में से एक हैं छोटा सिंह. उम्र हो चली है 85 साल, लेकिन दिल में अपनों से मिलने की आस लिए पंजाब के छोटे से गांव लिब्रा में जीवन गुजारते रहे.

पंजाब में लुधियाना के घुंगराली राजपूतन गांव में जन्‍मे छोटा सिंह का परिवार बंटवारे के बाद पाकिस्‍तान चला गया. मुस्‍ल‍िम परिवार में जन्‍मे छोटा सिंह पीछे छूट गए और अकेले रह गए. दंगाईयों ने उनके परिवार के लोगों को भी मारा लेकिन वो किसी तरह खुद को सुरक्षित रखने में कामयाब रहे. हालांकि कुछ समय बाद उनका परिवार के लोग उन्‍हें लेने वापस भी लौटा लेकिन भाग्‍य का लिखा कौन मिटा सकता था. उनकी मुलाकात नहीं हो सकी. इस तरह छोटा सिंह अकेले रह गए.

सिख परिवार बना मसीहा

ऐसे में लिब्रा गांव के गुलजार सिंह उनके लिए मसीहा बन कर आए, जिन्‍होंने उन्‍हें गोद लिया. गुलजार सिंह, जिन्‍होंने बंटवारे के बाद हुए दंगों में अपने बेटे को खो दिया था, उन्‍होंने छोटा सिंह को बेटे की तरह ही पाला. इस तरह मुस्‍लिम परिवार में जन्‍मे अली खान यानी छोटा सिंह का लालन पालन सिखों की तरह हुआ.

77 साल बाद खत्‍म हुआ इंतजार

लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था. छोटा सिंह की दुआएं रंग लाईं और बंटवारे के 77 साल बाद आखिर उन्‍हें उनका परिवार मिल ही गया. भला हो सोशल मीडिया का और एक डॉक्‍टर के प्रयासों का जिनकी वजह से ऐसा हो सका. छोटा सिंह गांव वालों को भी दुआएं देते नहीं थक रहे जिन्‍होंने अपनों की तलाश की इस यात्रा में उनका पूरा साथ दिया. वो कहते हैं, 'मैं नहीं जानता था कि कैसे अपने परिवार वालों से मिलूं. गांव वालों ने मेरे लिए सबकुछ किया.'

सोशल मीडिया ने परिवार से मिलाया

छोटा सिंह के परिवार की खोज अप्रैल में शुरू हुई थी. एक स्‍थानीय डॉक्‍टर शाकिर लिब्रा ने उनकी कहानी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस उम्‍मीद के साथ पोस्‍ट किया कि शायद यह सीमा पार पहुंच जाए. पाकिस्‍तान के टोबा टेक सिंह के रहने वाले यूट्यूबर डॉ. मुहम्‍मद अहसान ने वो वीडियो देखा और उनके परिवार को खोजने में मदद की. पाकिस्‍तान में उन्‍हें अली खान के नाम से ही जाना जाता है और टोबा टेक सिंह में ही उनके रिश्‍तेदार रहते हैं. वीजा मिलने के बाद गांव वालों ने छोटा सिंह को भव्‍य विदाई दी. छोटा सिंह के 6 भाई अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन पाकिस्‍तान से आए कुछ वीडियो में उनके भतीजे उनक भव्‍य स्‍वागत करते देखे जा सकते हैं.

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