कुश्ती के दो धाकड़ खिलाड़ी आज होंगे कांग्रेस में शामिल, कौन सी सीट पर मिल सकता है चुनावी टिकट?
Haryana Assembly Election: 6 सितंबर यानी शुक्रवार को कुश्ती के दो धाकड़ खिलाड़ी कांग्रेस में शामिल होने जा रहा है. खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया करीब 1:30 बजे कांग्रेस की सदस्यता में शामिल हो जाएंगे.

Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं. इस बीच, खबर है कि कुश्ती के दो दिग्गज खिलाड़ी, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया, कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं. बजंरग पूनिया ने बताया की आज दोपहर 1:30 बजे कांग्रेस में शामिल होंगे, बता दें कि बीते काफी समय से कयास लगाया जा रहा था कि कुश्ती के दो धाकड़ पहलवाल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं. इससे पहले दोनों ने राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी.
विनेश फोगाट ने भारतीय रेलवे से इस्तीफा दिया
भारत की पूर्व पहलवान विनेश फोगाट ने निजी कारणों का हवाला देकर भारतीय रेलवे से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया जबकि उनके कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज है. विनेश ने एक्स पर लिखा , भारतीय रेलवे की सेवा करना मेरे जीवन का यादगार और गर्व से भरा समय रहा.'
जानिए किस सीट से मिल सकता है टिकट?
राज्य में सियासी गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि विनेश फोगाट को दादरी से टिकट मिल सकता है, जबकि बजरंग पूनिया बादली से टिकट मांग रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस उनकी बजाय उन्हें किसी जाट बहुल सीट से उतारने पर विचार कर रही है.
कांग्रेस में दो कुश्ती खिलाड़ी की एंट्री
इसके साथ ही, खबरों के अनुसार, यदि विनेश फोगाट राजनीति में प्रवेश करते हैं, तो हरियाणा की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. उनके खाप पंचायतों और किसानों के साथ मजबूत संबंध उन्हें चुनाव में बड़ा समर्थन दिला सकते हैं. आगामी विधानसभा चुनाव में विनेश फोगाट की भूमिका हरियाणा की सियासत में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकती है.
कब है हरियाणा में विधानसभा चुनाव?
हरियाणा विधानसभा चुनाव होने में अब करीब एक महीने से भी कम का समय बचा हुआ है, राज्य में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होगा वहीं मतगणना 8 अक्टूबर को होगी. जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले यह तरीख 1 और 4 अक्टूबर थी लेकिन चुनाव आयोग ने इसमें बदलाव कर दिया है. चुनाव आयोग ने इसके पीछे की वजह बताते हुए सफाई में कहा कि बिश्नोई समुदाय के मताधिकार और परंपराओं दोनों का सम्मान करने के लिए यह फैसला लिया गया है.