ऐसे नंगेपन पर जुर्माना क्यों नहीं? Khushi Mukherjee के पहनावे पर Falaq Naaz का फूटा गुस्सा
टेलीविज़न शो 'स्प्लिट्सविला' की एक्स कंटेस्टेंट और इंस्टाग्राम पर एक्टिव कंटेंट क्रिएटर ख़ुशी मुखर्जी इन दिनों अपने किसी शो या एक्टिंग प्रोजेक्ट के कारण नहीं, बल्कि अपने बेहद बोल्ड और रिवीलिंग फैशन चॉइसेज़ को लेकर सुर्खियों में हैं.

टेलीविजन की दुनिया से एक बार फिर ऐसा मुद्दा उठ खड़ा हुआ है जिसने फैशन, एथिक्स, फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन और सोशल डेन्सी के बीच चल रही बहस को नया मोड़ दे दिया है. इस बार केंद्र में हैं दो जानी-पहचानी हस्तियां—एक ओर हैं सोशल मीडिया पर अपने बोल्ड लुक्स के लिए चर्चा में रहने वाली ख़ुशी मुखर्जी, और दूसरी ओर हैं 'ससुराल सिमर का' फेम एक्ट्रेस फलक नाज़, जिन्होंने बिना नाम लिए ही सवालों की बौछार कर दी है.
टेलीविज़न शो 'स्प्लिट्सविला' की एक्स कंटेस्टेंट और इंस्टाग्राम पर एक्टिव कंटेंट क्रिएटर ख़ुशी मुखर्जी इन दिनों अपने किसी शो या एक्टिंग प्रोजेक्ट के कारण नहीं, बल्कि अपने बेहद बोल्ड और रिवीलिंग फैशन चॉइसेज़ को लेकर सुर्खियों में हैं. वह अक्सर ऐसे आउटफिट्स में दिखाई देती हैं जो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाते है. कभी तारीफ मिलती है, तो कभी आलोचना का सामना करना पड़ता है. हालांकि उनके फॉलोअर्स उनकी बेबाकी और कॉन्फिडेंस की सराहना करते हैं, पर सोशल मीडिया पर एक बड़ा तबका उनके पहनावे को लेकर असहज भी दिखता है.
मैं सरकार से पूछना चाहती हूं
इसी बहस के बीच एक्ट्रेस फलक नाज़ ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में उन्होंने ख़ुशी मुखर्जी का नाम नहीं लिया, पर इशारा साफ था. उन्होंने उन्हें केवल 'दीदी' कहकर भारत सरकार से जनता और मीडिया के रवैये पर तीखा सवाल किया. वीडियो में फलक कहती हैं, 'तो पिछली बार आप सबको याद होगा मैंने एक दीदी के ऊपर वीडियो बनाई थी. यहां पे ना बात बहुत ज्यादा है, दीदी से आगे जा चुकी है. यह किसी XYZ व्यक्ति के बारे में नहीं है. यह कुछ ऐसा है जो मैं सरकार से पूछना चाहती हूं...'
अश्लीलता के बारें में खड़ा किया सवाल
इसके बाद उन्होंने आवारा जानवरों को खाना खिलाने पर लगाए जाने वाले जुर्माने और पब्लिक प्लेसेस पर बेहद अश्लील कपड़े पहनने पर किसी तरह की पाबंदी न होने के बीच सीधा अंतर खींचा. उन्होंने कहा, 'इस तरह का कुछ पहन के अगर सड़क पर निकल रहे हैं तो उस पर आपत्ति क्यों नहीं उठा रही है सरकार? मीडिया जो इनको कवर कर रहा है, और ऐसे लोगों पे जो कवर हो रहे हैं, ऐसे लोगों पर पेनाल्टी क्यों नहीं है? मुझे ये जानना है.' उन्होंने इसे केवल पर्सनल क्रिटिसिज्म न बताते हुए ऐसी अश्लीलता के बारें में सवाल खड़ा करते हुए अपील करते हुए कहा है कि आम लोग भी इस मुद्दे पर सरकारी अधिकारियों को टैग करें और जवाब मांगें.'
नंगपने पर कोई आपत्ति नहीं
वीडियो के अंतिम हिस्से में फलक की आवाज़ में गुस्से और दर्द का मिला-जुला भाव साफ सुनाई देता है. अगर नंगपने पर कोई आपत्ति नहीं है, तो फिर गरीब बच्चों या आवारा जानवरों को खाना खिलाने पर क्यों हंगामा होता है? अगर एक महिला कुछ भी पहन सकती है, तो एक इंसान क्यों नहीं किसी भूखे प्राणी को खाना खिला सकता?.' यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर बहस का विषय बन गया है.
ख़ुशी मुखर्जी का मौन
वहीं दूसरी तरफ, ख़ुशी मुखर्जी पर हो रही आलोचनाओं पर उन्होंने अब तक कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है. उन्होंने फलक नाज़ के वीडियो या बयान का कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल को देखकर ऐसा लगता है कि वे इन सब बातों से ज़्यादा परेशान नहीं हैं.