Vineet Kumar Singh ने बताया कैसे इंडस्ट्री में काम करती हैं प्रिविलेज, Alia Bhatt से जुड़ा शेयर किया किस्सा
'मुक्केबाज' फेम विनीत कुमार ने हाल ही में बताया कि वह बड़े स्टार्स को मिलने वाले प्रिवलेज के खिलाफ नहीं है. लेकिन उन्होंने बताया कि यह इंडस्ट्री में कैसे काम करता है. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब वह स्ट्रगल कर रहे थे तब आलिया भट्ट महेश भट्ट की गोद में थी आज वह स्टार बन गई और मैं आज भी स्ट्रगल कर रहा हूं.

'मुक्केबाज' फेम विनीत कुमार (Vineet Kumar) सिंह ने 2002 में पिता के साथ डेब्यू किया था और यह बताते हुए भावुक हो गए थे कि आज उनका करियर उस स्थिति में नहीं है जहां उन्होंने सोचा था. बॉलीवुड बबल से बात करते हुए, विनीत ने कहा कि वह किसी के प्रिविलेज के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह कैसे काम करता है, इसके उदाहरण के रूप में उन्होंने अपने करियर की तुलना आलिया भट्ट से की.
विनीत ने इंटरव्यू में कहा कि वह 'नेपोटिज्म की बहस में विश्वास नहीं करते', उन्होंने कहा कि वह समझते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अपने बच्चों को बेहतर करने के लिए क्यों इनकरेज करेंगे. उन्होंने कहा, 'इंसान का बच्चा इंसान होगा, जानवर का बच्चा जानवर होगा और गुलाब के बीज से ही गुलाब उगते हैं, और कुछ नहीं...आप उस बच्चे की देखभाल क्यों नहीं करेंगी जिसे आपने जन्म दिया है? उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में प्रिविलेज रखने, लोगों को गाइडिंग करने का सौभाग्य मिला हुआ है. यह मेरा सौभाग्य है कि मेरे पिता एक मैथमेटिशियन हैं और मेरी मां एक हाउसवाइफ थी.'
मैं आज भी स्ट्रगल कर रहा हूं
फिर उन्हें याद आया कि जब वह 2007 में पूजा भट्ट निर्देशित 'धोखा' की शूटिंग कर रहे थे, तो वह बनारस वापस जाने पर विचार कर रहे थे. उन्हें आलिया को अपने पिता महेश भट्ट की गोद में बैठे हुए देखना भी याद आया. एक्टर ने कहा, 'मुझे याद है, मैं फिल्म 'धोखा' कर रहा था. मेरे पास एक ऐसा दौर था जब मुझे नहीं पता था कि क्या हो रहा है इसलिए मैं बनारस वापस चला गया. 7-8 साल से कुछ नहीं हो रहा था. हम शूटिंग के लिए उदयपुर जा रहे थे. उस समय आलिया इतनी छोटी थीं कि वह महेश भट्ट की गोद में बैठ जाती थीं. मैं तब भी स्ट्रगल कर रहा था, आज भी स्ट्रगल कर रहा हूं. आलिया एक शानदार एक्ट्रेस हैं लेकिन जब आपको समय पर अवसर मिले तो आपकी जिंदगी बदल सकती है.'
इन फिल्मों में आ चुके हैं नजर
इसके बाद विनीत लगभग टूट गए और बोले, 'लोग बोलते हैं सोना टपकता है, लेकिन सोना हमेशा तपता ही रहेगा तो किस काम का, कौन पहनेगा उसे? 'बहुत सारा वक्त तपने में निकल गया... जिससे उनका मतलब है कि वह संघर्ष करते-करते थक गए है और बस अच्छा काम करना चाहते हैं.' 2002 की फिल्म 'हथियार' के बाद विनीत ने 2007 की फिल्म 'चैन कुली की मैं कुली' तक दोबारा फिल्मों में काम नहीं किया. 'सिटी ऑफ गोल्ड', गैंग्स ऑफ वासेपुर, 'बॉम्बे टॉकीज', 'अग्ली' और 'मुक्काबाज' जैसी फिल्मों में उनके काम को सराहना मिली. आखिरी बार उन्हें 2024 की फिल्म 'घुसपैठिया' में देखा गया था, वह जल्द ही 'मैच फिक्सिंग', 'जाट' और 'सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव' में नजर आएंगे.