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नेशनल फिल्म अवार्ड में दो जीत के बाद भी ठगा महसूस कर रहे हैं Sudipto Sen सेन, कहा- Adah Sharma को भी मिलना चाहिए था

'द केरल स्टोरी' उन लड़कियों की कहानी है जो केरल की रहने वाली हैं और जिन्हें आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों ने बहकाकर अपने साथ शामिल कर लिया. फिल्म के निर्माताओं ने दावा किया कि यह सच्ची घटनाओं पर आधारित है, लेकिन इस दावे पर काफी विवाद हुआ.

नेशनल फिल्म अवार्ड में दो जीत के बाद भी ठगा महसूस कर रहे हैं Sudipto Sen सेन, कहा- Adah Sharma को भी मिलना चाहिए था
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( Image Source:  Instagram : sudipto_sen )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 3 Aug 2025 12:13 PM

हाल ही में अनाउंस हुए 71वें नेशनल फिल्म अवार्ड्स में कई फिल्मों को सम्मान मिला, लेकिन उनमें से एक फिल्म खास चर्चा में रही 'द केरल स्टोरी' इस फिल्म ने दो बड़ी कैटेगिरी में अवार्ड अपने नाम किए बेस्ट डायरेक्टर सुदीप्तो सेन और Best Cinematography में. ये पुरस्कार मिलना अपने आप में बहुत बड़ी बात है, लेकिन इसके बावजूद फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि फिल्म को और भी ज्यादा पुरस्कार मिलने चाहिए थे.

जब हिंदुस्तान टाइम्स ने सुदीप्तो सेन से बात की और पूछा कि उन्हें जब ‘बेस्ट डायरेक्टर’ का अवार्ड मिला तो कैसा लगा, तो उन्होंने जवाब दिया, 'मैं हैरान था। मुझे तकनीकी अवार्ड की उम्मीद थी. मैं चाहता था कि मेरे टीम के तकनीकी लोगों को उनकी मेहनत के लिए सम्मान मिले.' उनके अनुसार, जब कोई फिल्म इतनी चर्चित हो जाती है कि दो साल बाद भी उस पर बात हो रही हो, तो यह साबित करता है कि उसमें कुछ तकनीकी और भावनात्मक गहराई है. यही वजह थी कि उन्हें उम्मीद थी कि उनके स्क्रिप्ट राइटर, मेकअप आर्टिस्ट और खास तौर पर एक्ट्रेस अदा शर्मा को भी अवार्ड मिलेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ इस बात से सुदीप्तो थोड़े दुखी हैं.

यह सम्मान मेरे लिए बहुत खास है

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि एक साधारण बैकग्राउंड से आकर, 25 साल के लंबे संघर्ष के बाद देश का सबसे बड़ा फिल्मी सम्मान पाना बहुत बड़ी बात है. सुदीप्तो कहते हैं, 'यह सम्मान मेरे लिए बहुत खास है, लेकिन मैं इसे मान्यता नहीं बल्कि एक पहचान के रूप में देखता हूं.' उनका मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें कभी पूरी तरह स्वीकार नहीं किया. वे कहते हैं कि वे पिछले 25 साल से मुंबई में हैं, लेकिन कभी भी खुद को ‘बॉलीवुड का हिस्सा’ नहीं मान पाए. उनके अनुसार, 'मैं हमेशा एक बाहरी व्यक्ति रहा बॉलीवुड एक खास तरह का सिनेमा बनाता है, और मेरी फिल्में उस ढांचे में फिट नहीं होती.' उनके लिए सबसे बड़ी बात दर्शकों का प्यार और समर्थन है वही उनके लिए असली पहचान है.

मुझे बदनाम नहीं किया जा सकता

'द केरल स्टोरी' उन लड़कियों की कहानी है जो केरल की रहने वाली हैं और जिन्हें आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों ने बहकाकर अपने साथ शामिल कर लिया. फिल्म के निर्माताओं ने दावा किया कि यह सच्ची घटनाओं पर आधारित है, लेकिन इस दावे पर काफी विवाद हुआ. केरल में विरोध प्रदर्शन हुए, कुछ जगहों पर फिल्म को बैन कर दिया गया मामला कोर्ट तक पहुंच गया. कई लोगों ने फिल्म को 'प्रोपेगेंडा फिल्म' कहकर आलोचना की. लेकिन सुदीप्तो सेन कहते हैं, 'आप केवल प्रोपेगैंडा कहकर मुझे बदनाम नहीं कर सकते. मेरी फिल्म आज भी चर्चा में है। यही मेरी सबसे बड़ी जीत है.' उनका मानना है कि एक फिल्म की लगातार लोकप्रियता (यानि समय बीतने के बाद भी उसका असर बना रहना) ही उसकी सबसे बड़ी सफलता होती है. 'द केरल स्टोरी' ने बॉक्स ऑफिस पर 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की, जो बताता है कि फिल्म ने आम लोगों के दिलों में जगह बनाई.

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