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तारीफों के बीच विवादों में आई Sanya Malhotra स्टारर 'Mrs.', SIFF ने फिल्म को बताया टॉक्सिक

हालांकि अब फिल्म को मिल रही सरहाना के बीच पर एक विवाद छिड़ गया है. एक मेंस राइट्स आर्गेनाईजेशन , SIFF - सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन ने फिल्म को टॉक्सिक बताते हुए इसकी तीखी आलोचना की है. इसके चलते फैंस ने इसका बचाव करना शुरू कर दिया है.

तारीफों के बीच विवादों में आई Sanya Malhotra स्टारर Mrs.,  SIFF ने फिल्म को बताया टॉक्सिक
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( Image Source:  Instagram )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 15 Feb 2025 1:16 PM

सान्या मल्होत्रा ​​(Sanya Malhotra) स्टारर 'मिसेज' (Msr.) हाल ही में ओटीटी प्लेटफार्म ज़ी फाइव पर रिलीज हुई है. इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक महत्वाकांक्षी महिला जिसके कुछ सपने होते है वह शादी के बाद ऐसे पितृसत्तात्मक परिवार में आ जाती है जहां वह सिर्फ पूरा दिन रसोई में अच्छा खाना बनाने में खपती है. इस फिल्म को फेमिनिज्म वर्ग में सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल कुछ रील्स में इन्फ्लुएंसर का कहना है कि अगर आप भी अरैंज मैरिज करने जा रहे हैं तो जरूर इस फिल्म को एक बार देख लें.

हालांकि अब फिल्म को मिल रही सरहाना के बीच पर एक विवाद छिड़ गया है. एक मेंस राइट्स आर्गेनाईजेशन , SIFF - सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन ने फिल्म को टॉक्सिक बताते हुए इसकी तीखी आलोचना की है. इसके चलते फैंस ने इसका बचाव करना शुरू कर दिया है. एक्स पर, एसआईएफएफ ने लिखा कि कैसे मेल कंस्ट्रक्शन साइट्स, रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट, फैक्ट्री, कोर्ट्स, पुलिस स्टेशनों, रेस्तरां और देश की सीमाओं पर 8-9 घंटे काम करते हैं. इसमें कहा गया है कि 'एक खुशहाल महिला खाना पकाती है, बर्तन मांजती है और अपने ससुर के कपड़े प्रेस करती है, यह उसके लिए अत्याचार है.'

महिलाओं में लालसा होती है

ट्वीट्स की एक हिस्से में, SIFF ने यह भी कहा कि महिलाएं स्वाभाविक रूप से मानती हैं कि वर्क प्लेस का मतलब एक कम्फर्टेबल एयर कंडिशन्ड जगह है. वे कंस्ट्रक्शन साइट्स या ट्रेन स्टेशनों और तमाम जहां मेल काम करते हैं उन्हें यह महिलाएं वर्क प्लेस नहीं मानती. सिर्फ इतना ही SIFF ने अपने ट्वीट में फिल्म के खिलाफ लिखा है, 'पुरुषों को कभी भी 50% घर का काम शेयर नहीं करना चाहिए, क्योंकि 70-80% मैटेरियल, कपड़े, फर्नीचर और गैजेट्स की लालसा महिलाओं को होती है और महिलाएं उनका आनंद लेती हैं. यहां तक ​​कि बच्चे महिलाओं के लिए बुढ़ापे में या किसी भी अवस्था में पुरुषों की तुलना में 2-3 गुना अधिक उपयोगी होते हैं, तो फिर घर का 50% काम पुरुष क्यों करें? पुरुष सामान ठीक करना, गाड़ी चलाना, अवैतनिक बॉडीगार्ड और सामान कुली जैसे अवैतनिक काम भी करते हैं.'

सच्ची कड़वी होती है

हालांकि SIFF की इस बयान से अब कुछ लोगों ने फिल्म का बचाव किया है. SIFF द्वारा पोस्ट किए कॉमेंट्स सेक्शन में एक यूजर ने लिखा, 'यह इतनी बुरी तरह से लिखी गई पोस्ट है जिसमें कोई रिसर्च नहीं किया गया है कि महिलाएं कंस्ट्रक्शन साइट्स और स्टेशनों, एयरपोर्ट, फैक्ट्री और कोर्ट, पुलिस स्टेशनों, रेस्तरां और सेना में काम करती हैं, जबकि उन्हें परमिशन केवल तभी मिलती है जब वे घर भी संभाल सकें.' एक महिला यूजर ने लिखा, 'सच्चाई कड़वी होती है और सोशल मीडिया पर मौजूद लोगों में इसे पचाने का साहस नहीं है.' एक अन्य ने लिखा, 'तब पुरुषों को शादी नहीं करनी चाहिए. आपके तर्क के अनुसार, उनके लिए कुछ भी अच्छा नहीं है, तो पुरुष शादी क्यों करते हैं? उन्हें कौन मजबूर कर रहा है?.'

इस फिल्म से है इंस्पायर्ड

आरती कदव की निर्देशित, 'मिसेज' हिट मलयालम फिल्म 'द ग्रेट इंडियन किचन' (2021) से से इंस्पायर्ड है. फिल्म ZEE5 पर स्ट्रीम हो रही है. 'मिसेज' में कंवलजीत सिंह, सान्या मल्होत्रा ​​और निशांत धनिया जैसे कलाकार नजर आ रहे हैं. हाल ही में 'मिसेज' के लिए सान्या मल्होत्रा ​​को स्टैंडिंग ओवेशन मिली थी.

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