Begin typing your search...

दिव्यांगों पर टिप्पणी करना समय रैना को पड़ा भारी, अल्लाहबादिया केस में अब होगी जांच, SC का बड़ा फैसला

Samay Raina: रणवीर अल्लाहबादिया के माता-पिता पर लेकर अश्लील कमेंट के बारे में नया मोड़ सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट ने अल्लाहबादिया केस की जांच में समय रैना को भी शामिल किया है. उन पर एक बच्चे की बीमारी का मजाक उड़ाने का भी आरोप है, जिसकी सुनवाई के दौरान यह फैसला लिया गया. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, हमें ये आरोप सुनकर वाकई में परेशानी हुई है. हम ऐसे मामलों को रिकॉर्ड में लेते हैं.

दिव्यांगों पर टिप्पणी करना समय रैना को पड़ा भारी,  अल्लाहबादिया केस में अब होगी जांच, SC का बड़ा फैसला
X
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Published on: 21 April 2025 4:45 PM

Samay Raina: स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. अपने शो इंडिया गॉट लेटेंट में भद्दे कमेंट को पेश करने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (21 अप्रैल) को कॉमेडियन रणवीर अल्लाहबादिया की टिप्पणी को लेकर समय को फटकार लगाई है.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि रणवीर के खिलाफ माता-पिता को लेकर अपशब्द बोलने वाले मामले की जांच पूरी हो गई है. हालांकि अब समय रैना को रणवीर मामले में शामिल किया गया है. एक बीमारी का मजाक उड़ाने की बात सामने आने के बाद रणवीर मामले में उन्हें शामिल किया गया है.

बीमारी का मजाक उड़ाने का आरोप

अदालत ने समय रैना पर उनके जोक्स में एक अंधे लोगों और एसएमए या स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी से पीड़ित एक शिशु का मजाक उड़ाया गया था. कोर्ट ने कहा ये टिप्पणियां सच में परेशान करने वाली हैं. इस संबंध में क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने एक याचिका दायर की गई थी. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, हमें ये आरोप सुनकर वाकई में परेशानी हुई है. हम ऐसे मामलों को रिकॉर्ड में लेते हैं. संबंधित लोगों को भी शामिल करते हैं और सुझाव मांगते हैं कि आगे क्या किया जाए.

इस बीमारी का इलाज बेहद महंगा है. इन दवाओं में Zolgensma नाम की एक बार दी जाने वाली जीन थेरेपी भी शामिल है, जिसकी कीमत करीब ₹16 करोड़ है. याचिका में कहा गया कि भारत की बड़ी आबादी के लिए ये दवाएं बहुत महंगी हैं, इसलिए कई बार इलाज के लिए लोग क्राउडफंडिंग का सहारा लेते हैं. समय रैना ने शायद इसी बात का मजाक उड़ाया था.

फाउंडेशन ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान फाउंडेशन ने दलील दी कि कोर्ट आदेश दे कि रेग्युलेटरी ड्राफ्ट बनाए, जिसमें यह प्रावधान हो कि विकलांग व्यक्तियों, उनकी बीमारियों और इलाज से जुड़े किसी भी तरह के अपमानजनक, हानिकारक या मजाक उड़ाने वाले कंटेंट पर सख्त रोक लगे. इस तरह की टिप्पणियां सिर्फ कंटेंट क्रिएटर्स या कॉमेडियन ही नहीं, बल्कि ऑनलाइन न्यूज, करंट अफेयर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स द्वारा भी की जाती हैं, जिन्हें रोकने की जरूरत है.

समय रैना ने दी सफाई

समय रैना ने कहा कि अपने शो में एक चैरिटी केस का जिक्र किया,जिसमें एक दो महीने के बच्चे को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की. रैना ने कहा, कुछ पागलपन हो गया है दो महीने के बच्चे को 16 करोड़ का इंजेक्शन चाहिए. इसके बाद उन्होंने ऑडियंस में बैठी एक महिला से कहा- मैम, आप ही बताइए अगर आप उस बच्चे की मां होतीं और एक दिन आपके अकाउंट में अचानक 16 करोड़ आ जाए जबकि आपका दो महीने का बच्चा है तो क्या आप अपने पति को देखकर इतना तो नहीं कहतीं हम्म महंगाई बढ़ रही है.

इसके अलावा समय रैना ने एक नेत्रहीन व्यक्ति पर भी जोक किया. कहा, एक सवाल पूछ सकता हूं भाई आपकी कौन सी आंख में देखूं? और फिर किसी और से कहा- तू भगवान की आंखों में देख. शिकायत में कहा गया है कि यह कोई एक मामला नहीं है, बल्कि सोशल मीडिया पर विकलांग लोगों को बार-बार या तो मजाक उड़ाते हैं. या फिर उन पर दया दिखाने वाला कंटेंट बनता है, या उन्हें पब्लिक एंटरटेनमेंट का हिस्सा बना दिया जाता है.

bollywood
अगला लेख