गौमांस खाने को लेकर Salman Khan के पिता सलीम खान का बड़ा खुलासा, कहा- यह ज्यादातर मुसलमान खाते....
सलीम खान ने याद किया कि उनका बचपन और युवावस्था हिंदू समाज और उनकी परंपराओं के बीच बिता. उन्होंने बताया, 'मैंने अपना पूरा जीवन हिंदुओं के बीच बिताया है. पुलिस थानों और कॉलोनियों में हम सभी हिंदू त्योहार मनाते थे.

अनुभवी स्क्रिप्ट राइटर सलीम खान अपनी निजी ज़िंदगी के बारे में बहुत कम ही खुलकर बात करते हैं. लेकिन जब भी वह बोलते हैं, तो अपनी साफगोई और बेबाक अंदाज़ से सबका दिल जीत लेते हैं. हाल ही में उन्होंने फ्री प्रेस जर्नल को दिए एक इंटरव्यू में अपनी शादी, धार्मिक मान्यताओं और पारिवारिक परंपराओं से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें शेयर की. उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने सलमा खान (जन्म नाम – सुशीला चरक) से शादी किया और क्यों उनके घर में कभी गोमांस नहीं आया. सलीम खान ने कहा कि भले ही वह मुस्लिम परिवार से आते हैं, लेकिन उन्होंने और उनके परिवार ने कभी गोमांस नहीं खाया.
उनका मानना है कि पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं में यह साफ कहा गया है कि गाय का दूध मां के दूध का ऑप्शन है और बेहद लाभकारी है. उन्होंने आगे बताया - ज़्यादातर मुसलमान गोमांस खाते हैं क्योंकि यह सबसे सस्ता मांस है. कई लोग तो इसे कुत्तों को खिलाने के लिए भी खरीदते हैं. लेकिन पैगंबर मोहम्मद ने साफ कहा है कि गाय को नहीं मारना चाहिए और गोमांस हराम है.' सलीम खान का कहना है कि पैगंबर मोहम्मद ने हमेशा हर धर्म की अच्छी बातें अपनाईं. जैसे यहूदियों से हलाल और कोषेर मांस की परंपरा ली गई. यही वजह है कि वह मानते हैं कि हर धर्म अच्छा है और सभी किसी न किसी रूप में एक सर्वोच्च शक्ति में विश्वास रखते हैं.
सलमा खान से शादी की कहानी
सलीम खान ने याद किया कि उनका बचपन और युवावस्था हिंदू समाज और उनकी परंपराओं के बीच बिता. उन्होंने बताया, 'मैंने अपना पूरा जीवन हिंदुओं के बीच बिताया है. पुलिस थानों और कॉलोनियों में हम सभी हिंदू त्योहार मनाते थे क्योंकि ज़्यादातर सिपाही और अफसर हिंदू थे इसलिए यह कहना गलत होगा कि शादी के बाद हमने हिंदू परंपराए अपनाई. हम तो पहले से ही गणपति उत्सव और बाकी पर्व मनाते आ रहे थे.' जब उनकी शादी सलमा खान से होने वाली थी, तो सलमा के परिवार में थोड़ी हिचकिचाहट थी. लेकिन सलमा के पिता, जो कि एक डोगरा समुदाय के डेंटिस्ट थे, उन्होंने सलीम खान की बैकग्राउंड, शिक्षा और संस्कार देखकर रिश्ता स्वीकार कर लिया.
धर्म से था ऐतराज़
सलीम खान ने बताया, 'मेरे ससुर को सिर्फ़ मेरे धर्म से ऐतराज़ था. तब मैंने उन्हें भरोसा दिलाया कि धर्म कभी हमारे रिश्ते में रुकावट नहीं बनेगा. अगर मतभेद या झगड़े होंगे भी तो वे हमारे स्वभाव और जीवन की स्थितियों से होंगे, न कि धर्म से.' आज उनकी शादी को पूरे 60 साल हो चुके हैं, और यह बात अपने आप में इस रिश्ते की मजबूती को दर्शाती है.
दो शादियां हिंदू और मुस्लिम रीति-रिवाज़ों से
सलीम खान ने इस इंटरव्यू में यह भी शेयर किया कि उनकी शादी के समय उन्होंने दोनों धर्मों की रस्में निभाईं. सलमा खान को सात फेरे बेहद पसंद थे क्योंकि वह अपनी बहन और चचेरी बहन को यह रस्म निभाते हुए देख चुकी थीं. उनका कहना था, 'मैंने खुद अपने मोहल्ले में एक पंडित ढूंढा और फेरे करवाए. इसके साथ ही हमने निकाह भी किया, जो यह सुनिश्चित करने के लिए होता है कि शादी आपसी रज़ामंदी से हो रही है, किसी दबाव में नहीं.'
हिंदी सिनेमा के आइकॉनिक
सलीम खान सिर्फ सलमान खान, अरबाज़ खान, सोहेल खान, अलवीरा खान और अर्पिता खान शर्मा के पिता ही नहीं, बल्कि हिंदी सिनेमा के एक आइकॉनिक नाम भी हैं. वह मशहूर जोड़ी सलीम-जावेद का हिस्सा रहे और 'शोले', 'ज़ंजीर', 'दीवार', 'डॉन' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों की कहानियाँ लिखी. उन्हें भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा स्क्रिप्ट राइटर कहा जाता है.