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सुपरस्टार की बेटी, फिर भी कहलाई नाजायज, परिवार के लिए की सी ग्रेड फिल्में, आज बॉलीवुड की हैं सबसे बड़ी स्टार

रेखा की जिंदगी में ऐसे कई किस्से हैं जिसे 'रेखा: द अनटोल्ड स्टोरी बाय यास्सेर उस्मान' में लिखे हैं. जिसमें जिक्र है कि वह पिता के होते हुए भी नाजायज कहलाई.

सुपरस्टार की बेटी, फिर भी कहलाई नाजायज, परिवार के लिए की सी ग्रेड फिल्में, आज बॉलीवुड की हैं सबसे बड़ी स्टार
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 19 April 2025 9:45 AM IST

बॉलीवुड की स्टार रेखा (Rekha) अपनी शानदार एक्टिंग और अपनी लव लाइफ को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रही, लेकिन उनके हिस्से कभी किसी सच्चे पुरुष का प्यार आना मंजूर न हुआ. वह प्यार के मामले में इतनी अनलकी रही है कि जब उन्होंने बिजनेसमैन मुकेश से शादी रचाई तो यह रिश्ता भी उनके साथ ज्यादा दिन चल न सका और मुकेश अग्रवाल ने आत्महत्या कर ली.

रेखा की जिंदगी में ऐसे कई किस्से हैं जिसे 'रेखा: द अनटोल्ड स्टोरी बाय यास्सेर उस्मान' में लिखे हैं. जिसमें जिक्र है कि वह पिता के होते हुए भी नाजायज कहलाई. जिनके पिता कोई आम इंसान नहीं बल्कि साउथ इंडस्ट्री के सबसे बड़े स्टार रहे, जिन्होंने कभी अपनी बेटी को नहीं अपनाया और मजबूरन उस बेटी ने अपने नाम के पीछे से एक दिन अपने उस पिता का सरनेम ही हटा लिया जो कभी प्यार से उसके सिर पर हाथ भी न रख सके.

शादीशुदा नहीं थे रेखा के माता-पिता

रेखा, जिनका जन्म 10 अक्टूबर, 1954 को मद्रास (चेन्नई) में भानुरेखा गणेशन के रूप में हुआ था, तमिल सिनेमा स्टार जेमिनी गणेशन और एक्ट्रेस पुष्पावली की बेटी हैं. हालांकि, उनके माता-पिता ने शादी नहीं की थी, क्योंकि गणेशन पहले से ही टी.आर. अलामेलु से शादी कर चुके थे, और बाद में सावित्री समेत अन्य एक्ट्रेस के साथ उनके संबंध थे. रेखा और उनकी छोटी बहन राधा को अपनी बेटियों के रूप में स्वीकार न करने से रेखा के बचपन पर एक गहरा असर डाला. यह नाजायज़ संबंध दर्द से भरा था, क्योंकि रेखा अपने पिता की तरफ से कभी मान्यता, समर्थन नहीं पाया और वह उनकी गैर-मौजूदगी में बड़ी हुई.

कभी जान नहीं पाई पिता का मतलब

सिमी ग्रेवाल के साथ एक इंटरव्यू में रेखा ने बताया, 'मैंने उनसे कभी बात नहीं की जब मैं बच्ची थी, तब उन्होंने मेरी मां को छोड़ दिया था. मुझे याद नहीं कि वे मेरे आस-पास भी थे. भले ही उनके दूसरे बच्चे और मैं एक ही स्कूल में पढ़ते थे, लेकिन मैंने उन्हें कभी अपने पिता के रूप में नहीं देखा. उन्होंने याद किया कि उन्हें उनसे मिलने का कभी मौका नहीं मिला, यहां तक कि जब वे अपने दूसरे बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते थे, तब भी नहीं. उन्होंने कहा, 'आप किसी ऐसी चीज़ को मिस नहीं कर सकते जो आपके पास कभी न हो. मुझे तो यह भी नहीं पता था कि 'पिता' शब्द का क्या मतलब होता है.

करनी पड़ी सी ग्रेड की फिल्में

आर्थिक तंगी के बीच अकेले अपनी बेटियों की परवरिश करने के लिए संघर्ष कर रही पुष्पावली को रेखा को कम उम्र में ही एक्टिंग में धकेलना पड़ा. रेखा, जो एयर होस्टेस या नन बनने का सपना देखती थी, उनका बचपन छीन लिया गया क्योंकि उन्हें कम उम्र में अपनी मां और छोटी बहन के लिए बी और सी ग्रेड की तेलुगु फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया. गणेशन जिन्होंने ने एक पिता होने नाते कभी भी रेखा और राधा से मिलने नहीं गए. रेखा की मां एक फिल्म सेट से दूसरे फिल्म सेट पर जाती रहीं, छोटी-छोटी भूमिकाएं करके अपना गुजारा करती रहीं, जबकि रेखा ने अपनी यंग ऐज से ही परिवार की रोटी कमाने का बोझ उठाया.

मोटी भद्दी नाजायज

भारतीय समाज जो पृतसत्तात्मक को मानता है और उसे हमेशा से बढ़ावा देता आया है जिसकी वजह से एक महिला का उस समय बिना शादी किए मां बनना एक कठिन चुनौती थी. जो रेखा के लिए कठिनाइओं से ज्यादा कलंक बनी. स्कूल में रेखा को 'बदसूरत, मोटी और नाजायज कहकर ताना मारा जाता था, जिससे उसकी रिजेक्शन की भावना और बढ़ गई. यासर उस्मान ने रेखा: द अनटोल्ड स्टोरी में लिखा है कि उनका बार-बार खुद को नाजाय सुनना यंग भानुरेखा गणेशन के जीवन पर हावी हो गया था, जिसने उन्हें अंदर ही अंदर तोड़ दिया.

पिता का हटाया सरनेम

गणेशन द्वारा अपनाए न जाने के बावजूद रेखा ने भानुरेखा गणेशन के रूप में अपनी पहचान में उनका नाम रखा, हालांकि बाद में उन्होंने बॉलीवुड में 'रेखा' के नाम से अपनी पहचान बरकार रखी, शायद खुद को उस सरनेम से दूर रखने के लिए जिसने उन्हें कोई आइडेंटिटी नहीं दी. मुश्किल यह है कि गणेशन तमिल सिनेमा में एक फेमस रोमांटिक हीरो थे, जिन्हें 'किंग ऑफ रोमांस' के रूप में जाना जाता था, फिर भी उनके रियल लाइफ के रिश्ते उथल-पुथल से भरे थे, जिससे रेखा और उनकी मां का रिश्ता कुछ ऐसा ही रहा.

पिता के अंतिम संस्कार में नहीं हुई शामिल

गणेशन ने 1990 में बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल के साथ रेखा की शादी में तिरुपति मंदिर में शामिल हुए थे. यह एक ऐसा खास पल था क्योंकि यह उन कुछ मौकों में से एक था जब वे सार्वजनिक रूप से रेखा के जीवन में दिखाई दिए थे. हालांकि, दशकों के मनमुटाव को दूर करने के लिए यह कदम बहुत देर से उठाया गया. जब 2005 में जेमिनी गणेशन का निधन हुआ, तो रेखा उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुईं? जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें उनके निधन पर दुख है, तो उन्होंने जवाब दिया, 'मेरी कल्पना में, वे हमेशा मेरे साथ थे,इसके अलावा कुछ नहीं.'

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