The Ba***ds of Bollywood से हुई इस सीन को हटाने की मांग, Ranbir Kapoor का ई-सिगरेट पीना बना बवाल
रणबीर कपूर को ई-सिगरेट (वेप) पीते देख खास बात यह है कि यह सीन बिना किसी चेतावनी या अस्वीकरण (डिस्क्लेमर) के दिखाया गया, जो नियमों के हिसाब से ग़लत माना जा रहा है. शिकायतकर्ता विनय जोशी ने इस सीन के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में शिकायत दर्ज कराई है.

बॉलीवुड स्टार रणबीर कपूर इन दिनों एक नए विवाद में फंस गए हैं. वजह है आर्यन खान द्वारा निर्देशित वेब सीरीज़ 'द बैड्स ऑफ बॉलीवुड' में उनका छोटा-सा कैमियो रोल. नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही इस सीरीज़ के सातवें एपिसोड में रणबीर कपूर कुछ ही मिनटों के लिए नज़र आते हैं, लेकिन इसी दौरान दिखाए गए एक सीन को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने आपत्ति जताई है. दरअसल, इस एपिसोड में रणबीर कपूर का किरदार ई-सिगरेट (वेप) का इस्तेमाल करता दिखाया गया है. आयोग का कहना है कि सीन दर्शकों, खासकर युवाओं को गुमराह कर सकते हैं और ई-सिगरेट के सेवन को बढ़ावा दे सकते हैं. इसी वजह से यह सीन चर्चा का विषय बन गया है.
सीरीज़ का सातवां एपिसोड, जिसका टाइटल है 'पिक्चर का टाइटल होगा..', करण जौहर के ऑफिस में शूट किया गया है. यहां करण जौहर अपनी कंपनी धर्मा प्रोडक्शंस के ऑफिस में अपनी मैनेजर सान्या से बातचीत कर रहे होते हैं. वह सान्या को समझाते हैं कि आसमान नामक एक एक्टर को छोड़ देना चाहिए क्योंकि उस पर विवाद बढ़ते जा रहे हैं. साथ ही वह सान्या की तारीफ़ भी करते हैं और याद करते हैं कि कैसे सान्या ने कभी उन्हें आसमान को एक बड़ी फिल्म में लेने के लिए राज़ी किया था.
ई-सिगरेट को लेकर विवाद
इसी दौरान रणबीर कपूर एंट्री लेते हैं, वह आते ही करण जौहर से मज़ाकिया और गालियों से भरी बातचीत करते हैं. पास बैठी सान्या, रणबीर की फैन होने के नाते एक्साइटेड हो जाती है और उन्हें हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ती है. रणबीर भी हाथ बढ़ाते हैं, लेकिन वह असल में 'हाय' कहने के बजाय वेप मांग रहे होते हैं. सान्या उन्हें वेप देती है और रणबीर एक कश लेते हुए बहुत कैज़ुअल अंदाज़ में कहते हैं कि वह सान्या को अपना मैनेजर बनाना चाहते हैं.
क्या है पूरा मामला?सीन हटाने की मांग
दरअसल रणबीर कपूर को ई-सिगरेट (वेप) पीते देख खास बात यह है कि यह सीन बिना किसी चेतावनी या अस्वीकरण (डिस्क्लेमर) के दिखाया गया, जो नियमों के हिसाब से ग़लत माना जा रहा है. शिकायतकर्ता विनय जोशी ने इस सीन के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत के बाद एनएचआरसी ने इस मामले पर गंभीर रुख अपनाया है. आयोग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी किया है. इसमें साफ कहा गया है कि इस तरह की सामग्री, जो यंगटर्स जनरेशन पर निगेटिव असर डाल सकती है, उस पर तुरंत रोक लगाई जाए, इसके अलावा आयोग ने मुंबई पुलिस आयुक्त को भी निर्देश दिया है कि वे शहर में ई-सिगरेट बेचने वालों की जांच शुरू करें क्योंकि भारत में ई-सिगरेट बेचना, खरीदना या इसका प्रचार करना पूरी तरह से बैन है. एनएचआरसी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वे न सिर्फ इस सीन पर कार्रवाई करें, बल्कि इस तरह के कंटेंट को तुरंत प्लेटफॉर्म से हटवाएं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं.
भारत में ई-सिगरेट क्यों बैन है?
यहां यह समझना ज़रूरी है कि भारत सरकार ने ई-सिगरेट को पहले ही बैन कर रखा है. 17 सितंबर 2019 को केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अध्यादेश, 2019 लागू किया था. इस कानून के तहत देश में ई-सिगरेट का प्रोडक्शन, सेल्स, स्टोरेज, डिस्ट्रीब्यूशन, इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट और विज्ञापन पूरी तरह से बैन है. अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे 5 लाख रुपये तक का जुर्माना, तीन साल तक की जेल, या फिर दोनों सजा हो सकती हैं. सरकार का कहना है कि ई-सिगरेट युवाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रही थी और यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती थी. इसी वजह से इस पर देशभर में पूरी तरह से रोक लगा दी गई.