एक्टिंग नहीं देश सेवा करना चाहते थे R. Madhvan, नेवी की ले चुके थे ट्रेनिंग, ऐसे बने लाखों दिलों के 'मैडी'
एक्टिंग करियर की शुरुआत संयोग से हुई, 1996 में मुंबई में एक मॉडलिंग एजेंसी को पोर्टफोलियो भेजने के बाद उन्हें विज्ञापनों के ऑफर मिलने लगे. उनका पहला विज्ञापन एक टैल्कम पाउडर ब्रांड के लिए था, जिसके लिए उन्हें मात्र 100 रुपये मिले.

आर. माधवन (R. Madhavan) का करियर एक बेहद दिलचस्प सफर है जो टेलीविज़न से शुरू होकर बॉलीवुड और फिर साउथ इंडस्ट्री सिनेमा तक फैला. वे एक ऐसे स्टार हैं जिन्होंने अपने टैलेंट से ना केवल हिंदी, बल्कि तमिल सिनेमा में भी खास पहचान बनाई. एक ऐसी पहचान जिसका कभी कोई गॉडफादर नहीं रहा. 1 जून 1970 को जमशेदपुर, बिहार (अब झारखंड) में जन्में माधवन एक तमिल परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता टाटा स्टील में मैनेजर थे. हालांकि शुरू से ही वह पढाई में तेज थे इसलिए एक्टर बनने से पहले उनके सपने कुछ और ही थे.
आर. माधवन, जिन्हें प्यार से 'मैडी' कहा जाता है, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक्टिंग से नहीं, बल्कि एक अलग रास्ते से की थी. उनका असली सपना भारतीय सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना था. वे कॉलेज के दिनों में एनसीसी कैडेट थे और महाराष्ट्र के बेस्ट कैडेट्स में से एक चुने गए. 22 साल की उम्र में उन्हें सात अन्य कैडेट्स के साथ इंग्लैंड में ब्रिटिश आर्मी, रॉयल नेवी और रॉयल एयर फोर्स के साथ ट्रेनिंग का मौका मिला. हालांकि, सेना में शामिल होने की आयु सीमा से छह महीने कम होने के कारण उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका.
पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के रहे टीचर
इसके बाद माधवन ने अपना ध्यान पब्लिक स्पीकिंग और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट की ओर मोड़ा. उन्होंने कोल्हापुर में पब्लिक स्पीकिंग की क्लासेस दीं, जहां उनकी मुलाकात उनकी होने वाली पत्नी सरिता बिर्जे से हुई, जो उनकी स्टूडेंट थी. 1992 में उन्होंने टोक्यो में यंग बिजनेसमैन कॉन्फ्रेंस में भारत का रिप्रेजेंट किया और पब्लिक स्पीकिंग में इंडियन चैंपियनशिप भी जीती.
ऐसे हुई करियर की शुरुआत
उनके एक्टिंग करियर की शुरुआत संयोग से हुई, 1996 में मुंबई में एक मॉडलिंग एजेंसी को पोर्टफोलियो भेजने के बाद उन्हें विज्ञापनों के ऑफर मिलने लगे. उनका पहला विज्ञापन एक टैल्कम पाउडर ब्रांड के लिए था, जिसके लिए उन्हें मात्र 100 रुपये मिले. इसके बाद 1997 में उन्होंने एक चंदन के टीवी कमर्शियल से अपने करियर की शुरुआत की. माधवन ने छोटे पर्दे पर अपनी शुरुआत हिंदी टीवी सीरियल्स से की। उन्होंने 1993 में 'यूल लव स्टोरी' में एक छोटे से किरदार से डेब्यू किया, फिर 'बनेगी अपनी बात', 'घर जमाई', 'सी हॉक्स', और 'साया' जैसे सीरियल्स में काम किया. इन शोज ने उन्हें पहचान दिलाई.
'रहना है तेरे दिल में' से डेब्यू
फिल्मी करियर की शुरुआत 1996 में एक छोटी सी भूमिका के साथ हुई, जब वे सुधीर मिश्रा की फिल्म 'इस रात की सुबह नहीं' में एक बार सिंगर के किरदार में नजर आए. हालांकि, असली सफलता 2000 में मणि रत्नम की तमिल फिल्म 'अलैपायुथे' से मिली, जो एक रोमांटिक ड्रामा थी और बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही. इस फिल्म ने उन्हें तमिल सिनेमा में स्टैब्लिश किया. इसके बाद 2001 में उनकी पहली हिंदी फिल्म 'रहना है तेरे दिल में' रिलीज हुई, जिसमें उनकी और दीया मिर्जा की केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब पसंद किया. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही और माधवन को हिंदी सिनेमा में पहचान दिलाई.
अन्य शानदार फ़िल्में
आर. माधवन की कुछ खास फिल्में, जिन्होंने उन्हें दर्शकों और आलोचकों का प्यार दिलाया जैसे- मिन्नले (2001, तमिल), गौतम मेनन की एक रोमांटिक फिल्म, जिसमें माधवन के किरदार और उनकी केमिस्ट्री को बहुत पसंद किया गया था. ओमप्रकाश मेहरा की 'रंग दे बसंती' में माधवन ने अजय राठौड़, एक फाइटर पायलट की छोटी लेकिन प्रभावशाली भूमिका निभाई. वहीं राजकुमार हिरानी की इस ब्लॉकबस्टर '3 इडियट्स' में माधवन ने फरहान कुरैशी का किरदार निभाया। उनकी एक्टिंग और फिल्म की कहानी ने इसे भारतीय सिनेमा की आइकॉनिक फिल्म बनाया. आनंद एल. राय की इन रोमांटिक कॉमेडी फिल्मों में एक 'तनु वेड्स मनु' और 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' में मनु शर्मा का किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिन्दा है.