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Happy Birthday Nandita Das: फायर और वाटर में नंदिता के कैरेक्‍टर ने जीता था सबका दिल, फिल्म से मचा था खूब बवाल

नंदिता दास ने कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है. इन फिल्म के कारण खूब बवाल मचा था. ये फिल्म सेम सेक्स पर आधारित थी. यहां तक कि उस समय इन फिल्मों को लेकर सिनेमाघरों में तोड़ फोड़ भी हुई थी.

Happy Birthday Nandita Das: फायर और वाटर में नंदिता के कैरेक्‍टर ने जीता था सबका दिल, फिल्म से मचा था खूब बवाल
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( Image Source:  Instagram/nanditadasofficial )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 7 Nov 2024 11:17 AM IST

नंदिता दास ने बॉलीवुड की कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है. उनकी सबसे हिट फिल्मों में फायर और वाटर शामिल है. इन फिल्मों ने केवल भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण बदलाव लाए, बल्कि समाज में सेक्सुएलिटी, महिला सशक्तिकरण और पारंपरिक मान्यताओं को लेकर गहरी चर्चा भी शुरू की.

आज नंदिता दास का बर्थडे है. वह 55 साल की हो गई हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन फिल्मों में नंदिता के कैरेक्टर ने सभी को हैरान कर दिया था. ऐसा इसलिए क्योंकि यह फिल्में अपने वक्त से कई समय आगे थी. चलिए जानते हैं फायर और वाटर फिल्म में नंदिता के कैरेक्टर के बारे में.

फायर फिल्म में नंदिता दास का कैरेक्टर

साल 1996 में दीपा मेहता की फिल्म रिलीज हुई थी. इस फिल्म में नंदिता दास ने लीड रोल प्ले किया था. इस फिल्म के कारण सिनेमाघरों में तोड़फोड़ हुई थी. यह फिल्म भारतीय सिनेमा में एक क्रांतिकारी कदम थी, जिसमें नंदिता दास और शबाना आज़मी ने समलैंगिक संबंधों को प्रदर्शित किया. फायर के जरिए नंदिता ने राधा का किरदार निभाया, जो अपनी पत्नी की बहन के साथ एक गहरे और संवेदनशील प्रेम संबंध में बंध जाती है. फिल्म ने भारतीय समाज में महिला-महिला संबंधों को लेकर कई तरह की बहसों का जन्म दिया और एक अहम सवाल उठाया, क्या समाज महिलाओं के लिए अपने रिश्तों को चुनने की स्वतंत्रता दे सकता है?

वाटर फिल्म में नंदिता दास

नंदिता की भूमिका ने एक ऐसे बदलाव का संकेत दिया, जहां परंपरागत सोच और आधुनिक यथार्थ के बीच का संघर्ष खुलकर सामने आया. इसके बाद साल 2005 में वाटर में नंदिता ने अपनी मजबूत और प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज की, जहां उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक विषयों को पर्दे पर जीवित किया.

इन फिल्मों के माध्यम से नंदिता ने न केवल एक्टिंग बल्कि अपनी राय और समाज के प्रति जिम्मेदारी को भी व्यक्त किया. उनका काम सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं रहा. वे समाज के विभिन्न मुद्दों पर भी मुखर रही हैं. खासकर महिलाओं के अधिकारों और बच्चों के लिए शिक्षा के मामले में उन्होंने हमेशा अपने विचार रखे हैं.



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