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रेलवे प्लेटफॉर्म पर बीती रातें, फिर 300 करोड़ की ब्लॉकबस्टर फिल्म, मिलिए तहलका मचाने वाले इस दमदार एक्टर से

इस एक्टर ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया है. जब उनके पास खाने के लिए बिल्कुल भी पैसे नहीं थे और रहने के लिए कोई जगह नहीं थी. वे बांद्रा रेलवे स्टेशन पर 27 दिनों तक सोते रहे. उनके सफर में उन्होंने कई बार आलोचनाओं का सामना किया. लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उन्होंने हर किरदार को अपनी पूरी मेहनत और ईमानदारी से निभाया.

रेलवे प्लेटफॉर्म पर बीती रातें, फिर 300 करोड़ की ब्लॉकबस्टर फिल्म, मिलिए तहलका मचाने वाले इस दमदार एक्टर से
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( Image Source:  Social Media- Anupam Kher )

जीवन एक यात्रा है, जिसमें सुख-दुःख, उतार-चढ़ाव और मीठी-कड़वी यादें सभी का हिस्सा होती हैं. हमारे अनुभव, हमारी पसंद, हमारी गलतियां और हमारी जीत-हार सभी मिलकर हमें वह बनाते हैं, जो हम आज हैं. हर इंसान के जीवन में एक ऐसा पल आता है जब वह खुद को साबित करने के लिए संघर्ष करता है. बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाले अनुपम खेर भी ऐसे ही संघर्षों से गुजरे. इस आर्टिकल में हम एक ऐसे एक्टर की कहानी पर चर्चा करेंगे, जिन्होंने न केवल अपनी कमजोरियों से लड़ा, बल्कि खुद को हर किसी से ऊपर साबित किया.

हमारे समाज में जो दिखता है, वही अक्सर सफल माना जाता है, लेकिन अनुपम खेर का जीवन इस बात से अलग है. एक समय था जब उनकी शक्ल-सूरत को लेकर मजाक उड़ाया जाता था. गंजेपन और धब्बेदार सिर के कारण उन्हें फिल्मों में काम पाने के लिए कई बार ताने सुनने पड़े. लोग उन्हें एक्टर बनने के बजाय लेखक या सहायक निर्देशक बनने की सलाह देते थे, क्योंकि उनका मानना था कि वह एक्टिंग करने के लायक नहीं हैं. लेकिन खेर ने कभी हार नहीं मानी और अपने आत्मविश्वास और संघर्ष के बल पर यह साबित कर दिया कि मेहनत से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है.

रेलवे प्लेटफॉर्म पर बिताए गए 27 दिन

अपनी संघर्ष भरी यात्रा में, अनुपम खेर ने एक समय ऐसा भी देखा, जब उनके पास खाने के लिए बिल्कुल भी पैसे नहीं थे और रहने के लिए कोई जगह नहीं थी. वे बांद्रा रेलवे स्टेशन पर 27 दिनों तक सोते रहे. इस समय ने उनके जीवन में एक बड़ा मोड़ लिया. उन्हें एहसास हुआ कि किसी भी मुश्किल घड़ी में हमें खुद पर विश्वास रखना चाहिए, क्योंकि वही हमारी असली ताकत होती है. अनुपम ने अपनी मुश्किलों के बावजूद, न केवल अपने सपनों को पूरा किया, बल्कि यह भी साबित किया कि अपने आपको कभी भी किसी से कम नहीं समझना चाहिए.

अनुपम खेर का फिल्मी सफर

अनुपम खेर की कहानी सिर्फ संघर्ष की नहीं, बल्कि सफलता की भी है. उन्होंने फिल्म सारांश में 60 वर्षीय पिता का किरदार निभाकर अपने करियर की शुरुआत की थी, और इस भूमिका ने उन्हें पहचान दिलाई. हालांकि, उनके सफर में कई बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उन्होंने हर किरदार को अपनी पूरी मेहनत और ईमानदारी से निभाया.

अपने करियर के सफर में अनुपम खेर ने 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, लेकिन "द कश्मीर फाइल्स" ने उन्हें एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया. इस फिल्म ने उन्हें न केवल व्यावसायिक सफलता दिलाई, बल्कि साथ ही यह फिल्म 300 करोड़ रुपये की कमाई के साथ उनके करियर का एक बड़ी मील का पत्थर बन गई. 67 साल की उम्र में यह फिल्म उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हुई.

अनुपम खेर का सफर आज भी जारी है. हाल ही में, उन्हें "विजय 69" फिल्म में देखा गया. उनका दृढ़ और काम के प्रति डेडिकेशन यह दिखाता है कि उम्र केवल एक नंबर है, और अगर आत्मविश्वास और मेहनत से काम किया जाए, तो सफलता कभी भी मिल सकती है.

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