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इस लाइलाज बीमारी से जूझ रहे हैं Gaurav Khanna! बिग बॉस शो में किया खुलासा, कहा- मैंने अपनी कमजोरी को ताकत बना लिया है

गौरव ने यह भी बताया कि कलर ब्लाइंडनेस के चलते उन्हें कई छोटी-छोटी चीज़ों में परेशानी होती है जैसे कपड़ों के रंग मैच करना या खाना बनाते वक्त रंग देखकर उसकी स्थिति पहचानना. लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी.

इस लाइलाज बीमारी से जूझ रहे हैं Gaurav Khanna! बिग बॉस शो में किया खुलासा, कहा- मैंने अपनी कमजोरी को ताकत बना लिया है
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( Image Source:  Instagram : gauravkhannaofficial )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 6 Oct 2025 3:19 PM

बिग बॉस का 19वां सीजन दर्शकों के बीच जबरदस्त लोकप्रिय हो रहा है. इस बार शो में ऐसे कई कंटेस्टेंट हैं, जो न सिर्फ घर के अंदर बल्कि सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा में बने हुए हैं. इनमें तान्या मित्तल, अमाल मलिक, कुनिका सदानंद और टीवी इंडस्ट्री के मशहूर एक्टर गौरव खन्ना का नाम सबसे आगे है। फैंस इन सितारों की हर बात पर नज़र रख रहे हैं चाहे उनकी पर्सनल लाइफ हो, रिश्ते हों या कोई विवाद।

लेकिन हाल ही में सबसे ज़्यादा चर्चा गौरव खन्ना को लेकर हो रही है. 'अनुपमा' सीरियल में अनुज कपाड़िया के किरदार से घर-घर में पहचान बनाने वाले गौरव ने अपनी जिंदगी से जुड़ा एक ऐसा राज़ बताया, जिसने सबको हैरान कर दिया। दरअसल, गौरव खन्ना कलर ब्लाइंडनेस (Color Blindness) यानी रंगों को सही तरीके से न पहचान पाने की समस्या से जूझ रहे हैं.

रंगों समझ नहीं आता फर्क

जी हां, गौरव खन्ना को रंगों को पहचानने में परेशानी होती है. उन्होंने इस बात को खुद नेशनल टीवी पर कबूला था. पहले सेलिब्रिटी मास्टर शेफ और अब 'बिग बॉस 19' के मंच पर उन्होंने बड़ी ही हिम्मत से अपनी इस कंडिशन के बारे में खुलकर बात की. गौरव का कहना था कि उन्हें ट्रैफिक सिग्नल समझने में अक्सर मुश्किल होती है क्योंकि उन्हें लाल और हरे रंग में फर्क समझ नहीं आता.

कमजोरी को बनाया ताकत

गौरव ने यह भी बताया कि कलर ब्लाइंडनेस के चलते उन्हें कई छोटी-छोटी चीज़ों में परेशानी होती है जैसे कपड़ों के रंग मैच करना या खाना बनाते वक्त रंग देखकर उसकी स्थिति पहचानना. लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी. सेलिब्रिटी मास्टर शेफ में तो उन्होंने अपनी इसी कमजोरी को ताकत में बदल दिया और शानदार परफॉर्मेंस देकर शो जीत भी लिया. उन्होंने कहा था, 'मुझे पता है कि मेरे लिए कुछ काम थोड़े मुश्किल हैं, लेकिन मैं उन्हें करने से डरता नहीं. अगर मैं अपनी सीमाओं को स्वीकार कर लूं, तो मैं किसी भी काम में आगे बढ़ सकता हूं.'

बीमारी के बारें में खुलकर करते हैं बात

गौरव की यह सोच और कॉन्फिडेंस आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी है. वो न सिर्फ खुद अपनी बीमारी के बारे में खुलकर बात करते हैं, बल्कि दूसरों को भी ऐसा करने की हिम्मत देते हैं. उन्होंने कई बार कहा है कि बीमारियों या मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चुप रहने की बजाय, लोगों को खुलकर सामने आना चाहिए ताकि समाज में जागरूकता बढ़े. 'बिग बॉस' के घर में भी जब उन्होंने अपनी इस कंडिशन के बारे में बताया, तो बाकी कंटेस्टेंट्स उनके प्रति और ज्यादा संवेदनशील और समझदार हो गए. लोग अब उन्हें सिर्फ एक स्ट्रॉन्ग प्लेयर के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक इंसान के रूप में देख रहे हैं.

कलर ब्लाइंडनेस कोई इलाज नहीं

हालांकि कलर ब्लाइंडनेस का अभी कोई स्थायी इलाज (Permanent Solution) नहीं है, लेकिन कुछ विशेष चश्मे और तकनीकें हैं जिनसे रंगों की पहचान को थोड़ा आसान बनाया जा सकता है. गौरव खन्ना कहते हैं कि उन्होंने अब अपनी इस स्थिति को अपनी पहचान का हिस्सा बना लिया है और वो इससे शर्मिंदा नहीं, बल्कि गर्व महसूस करते हैं.

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