Sridevi के साथ डेब्यू, फिर भी नहीं चला Manoj Kumar के बेटे Kunal Goswami का करियर
मनोज इंडस्ट्री की ऐसी हस्ती रहे जिन्होंने अपने करियर में कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी. चाहे वह 'पूरब और पश्चिम' हो 'शादी', हरियाली और रास्ता समेत कई हिट फिल्मों में से हैं. उनके निर्देशन की भी कई फिल्में ब्लॉकबस्टर साबित हुईं जिसमें 'उपकार' और 'जय जवान और जय किसान' शामिल है.

हिंदी सिनेमा में अपना लंबा और यादगार योगदान देने वाले मनोज कुमार उर्फ 'भारत' 4 अप्रैल को इस दुनिया को अलविदा कह चले गए. लंबी बीमारी से लड़ते हुए दिग्गज स्टार का निधन हो गया. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक शुक्रवार सुबह 4.03 बजे कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. कुमार जिन्होंने हिंदी सिनेमा को अपना 35 साल योगदान दिया आज उनके निधन से इंडस्ट्री में शोक की लहर है.
मनोज इंडस्ट्री की ऐसी हस्ती रहे जिन्होंने अपने करियर में कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी. चाहे वह 'पूरब और पश्चिम' हो 'शादी', हरियाली और रास्ता समेत कई हिट फिल्मों में से हैं. उनके निर्देशन की भी कई फिल्में ब्लॉकबस्टर साबित हुईं जिसमें 'उपकार' और 'जय जवान और जय किसान' शामिल है. हालांकि अब एक्टर अपने पीछे पत्नी शशि गोस्वामी और बेटे कुणाल गोस्वामी को छोड़ गए है. लेकिन उनकी पत्नी संग उनकी लव स्टोरी बड़ी चर्चित रही.
मनोज-शशि की लव स्टोरी
उन्होंने साल 2013 में दिए एक इंटरव्यू में शशि गोस्वामी का जिक्र किया था. कुमार ने बताया था कि जब वह ग्रेजुएशन कर रहे थे तब वह अपने दोस्त के घर गए थे. वहीं उन्होंने शशि को देखा और दिल दे बैठे। डेढ़ साल तक एक दूसरे को दूर से देखने बाद इस रिश्ते को आगे बढ़ाने का सोचा। दोनों दोस्तों के साथ फिल्म 'उड़नखटोला' थिएटर में देखने गए. इस तरह से दोनों की मुलाकात कई बार होने लगी लेकिन उनके इस रिश्ते शशि की मां खुश नहीं थी. हालांकि फिर भी शशि और मनोज शादी के बंधन में बंध गए और 1961 में बेटे कुणाल गोस्वामी का जन्म हुआ.
फीका पड़ा बेटे का करियर
मनोज जो खुद एक बड़े स्टार थे वह अपने बेटे को भी अपनी तरह स्टार बनाना चाहते थे. कुणाल गोस्वामी ने 1980 और 1990 के दशक में बॉलीवुड में बतौर एक्टर कदम रखा और इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश की. उन्होंने पी. संबाशिव राव द्वारा निर्देशित फिल्म 'कलाकार' (1983) से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने श्रीदेवी के साथ काम किया. यह एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी, जिसमें कुणाल ने एक यंगर सिंगर की भूमिका निभाई थी, जो ट्रेंगल लव स्टोरी में फंस जाता है, और हालांकि इसने बॉक्स ऑफिस पर धमाल नहीं मचाया, लेकिन इसने उन्हें एक लीड एक्टर के रूप में हिंदी सिनेमा में पहचान दिलाई. कुणाल गोस्वामी का जीवन और करियर अक्सर उनके पिता की देशभक्ति फिल्मों के लिए मशहूर 'भारत कुमार' की महान विरासत के सामने फीका पड़ गया.
लोगों को पसंद नहीं आए कुणाल
1980 के दशक और 1990 के दशक की शुरुआत में, कुणाल कई फिल्मों में दिखाई दिए, जिनमें 'दो गुलाब' (1983), 'घुंघरू' (1983) और 'आखरी संघर्ष' (1997), शामिल हैं, लेकिन किसी को भी कोई खास कमर्शियल सफलता नहीं मिली. उनकी भूमिकाओं में अक्सर उन्हें एक रोमांटिक एक्टर के रूप में दिखाया जाता था, जो उनके पिता द्वारा निभाए गए सामाजिक रूप से जागरूक, देशभक्त किरदारों के ऑपोजिट था. अपने अच्छे लुक्स और पिता के स्टार होने के बावजूद, कुणाल को बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाने में संघर्ष करना पड़ा, उनकी कई फिल्में दर्शकों या आलोचकों को पसंद नहीं आईं.
पसंद नहीं था शोऑफ
मनोज के जीवन का एक किस्सा उनकी सादगी को दर्शाता है, अपनी दौलत और शोहरत के बावजूद, वे दशकों तक मुंबई के शिवाजी पार्क इलाके में एक साधारण घर में रहते थे, जहां उन्होंने कई बॉलीवुड सितारों की शोऑफ लाइफस्टाइल को त्याग दिया था. उनकी पत्नी शशि ने एक बार एक इंटरव्यू में शेयर किया था कि उन्हें इंडस्ट्री की पार्टियों में जाने के बजाय अपने परिवार के साथ शाम बिताना या भारत के इतिहास के बारे में पढ़ना ज़्यादा पसंद था.