'दाल-रोटी चलानी है, ईएमआई भरना है...' 3,400 करोड़ रुपये के मालिक बने विवेक ओबेरॉय को याद आया अपना गिरता स्टारडम
विवेक ओबेरॉय ने हाल ही में इस धारणा के बारें में बात की जहां लोगों को लगता है कि एक्टर की लाइफ में कोई प्रॉब्लम नहीं होती. हाल ही में अपने बिजनेस को 3,400 करोड़ तक पहुंचाने वाले एक्टर ने कहा है कि इंडस्ट्री में सफलता का अंदाजा बर्थडे पर आने बूके से पता चलता है.

बॉलीवुड एक्टर विवेक ओबेरॉय ने अपने करियर के दौरान झेले गए फाइनेंसियल स्ट्रगल्स के बारे में खुलकर बात की है. एक स्पष्ट बातचीत में ओबेरॉय ने फिल्म इंडस्ट्री के उतार-चढ़ाव से निपटने के अपने अनुभव शेयर किए. ओबेरॉय ने फ्रैंचाइज़ इंडिया के एक इवेंट में कहा, 'फिल्म इंडस्ट्री उस तरह की इंडस्ट्री रही है जहां एक रात आपको ऐसा लगता है जैसे आपने इसे बना लिया है, हर कोई आपके पीछे खड़ा है. अपने समय के लिए करोड़ों खर्च कर रहे हैं और, फिर आपके पास एक पैच है जो किसी भी कारण से हो सकता है. लेकिन आपके पास एक कमजोर पैच है.
ओबेरॉय ने खुलासा किया कि वह अपनी सफलता का अंदाजा अपने बर्थडे पर मिलने वाले गुलदस्तों की संख्या से लगाते थे. एक्टर ने कहा, 'आप अपने बर्थडे पर अपनी खासियत का अंदाजा लगा सकते क्योंकि जब आप अच्छा कर रहे होते हैं, तो घर में प्रोड्यूसर्स, डायरेक्टर्स, को-एक्टर्स से आने वाले गुलदस्ते के लिए कोई जगह नहीं होती है, यह बस भर जाता है और जब आपकी फिल्में अच्छा परफॉर्म नहीं कर रही होती हैं, तो गुलदस्ते की संख्या कम होने लगती है और आपको एहसास होता है, 'ओह!' मैं बहुत अच्छा नहीं कर रहा हूं.'
दाल-रोटी चलानी है
ओबेरॉय ने कहा कि फाइनेंसियल स्ट्रगल्स का सामना करने के बावजूद कई एक्टर्स को अपनी लाइफस्टाइल बनाए रखनी पड़ती है. हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह अपने खुद के खर्चों के साथ आता है. विवेक का कहना है कि इसी ने मुझे आज मजबूत बनाया है, जहां मुझे ऐसी फिल्म करने की ज़रूरत नहीं है जिस पर मुझे विश्वास नहीं है या मुझे स्क्रिप्ट पसंद नहीं है क्योंकि दाल-रोटी चलानी है, ईएमआई भरना है. बहुत से लोग सोचते हैं, 'एक्टर है इसको क्या प्रॉब्लम होगी हमारे जैसे, पर ऐसा नहीं है एक्टर्स की अपनी समस्याएं होती हैं.
बने करोड़ों के मालिक
हाल ही में मुंबई में एक इवेंट में विवेक ने कहा, 'मैंने एक स्टार्ट-अप शुरू किया जो एजुकेशन लोन बेस्ड था जो अब यह बहुत बड़ा हो गया. हम बी2बी नेटवर्क के जरिए से 12,000 स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी तक पहुंचते हैं. लेकिन फिर हम कस्टमर से जुड़े और उसका सारा डेटा अपने पास रखा. हमें सीधे अपने कस्टमर आधार के बारे में पता चला, जो कि 45 लाख लोग थे जो स्कूल या कॉलेज गए थे. वह बहुत बड़ा डेटा था और इस तरह कंपनी की वैल्यू लगभग 400 मिलियन रुपये (लगभग 3,400 करोड़ रुपये) हो गई.
इंडस्ट्री ने छोड़ दिया था साथ
बॉलीवुड में विवेक ओबेरॉय का करियर उथल-पुथल भरा रहा है, जिसमें ऊंची उड़ानें और भारी गिरावट शामिल है. 2002 में कंपनी के साथ एक आशाजनक शुरुआत के बाद, ओबेरॉय का करियर तेजी से आगे बढ़ता दिख रहा था, 'साथिया' और 'युवा' जैसी फिल्मों से उन्हें खूब सरहाना मिली. हालांकि सलमान खान के साथ उनके पब्लिक झगड़े और बॉक्स ऑफिस पर लगातार फ्लॉप फिल्मों के कारण उनकी करियर में गिरावट आई और इंडस्ट्री में कई लोगों ने उनसे मुंह मोड़ लिया. अपने करियर को फिर शुरू करने के प्रयासों के बावजूद, ओबेरॉय को स्ट्रगल करना पड़ा और एक समय के लिए ऐसा लगा जैसे उन्हें बॉलीवुड की मेनस्ट्रीम से पूरी तरह से बाहर कर दिया गया है. हालांकि हाल के सालों में, ओबेरॉय 'इनसाइड एज', 'इंडियन पुलिस फ़ोर्स' जैसे प्रोजेक्ट्स में नजर आए.