Farzi एक्टर Bhuvan Arora का खुलासा, Kartik Aaryan नहीं Sushant Singh थे Chandu Champion के लिए पहली पसंद
भारतीय एथलीट मुरलीकांत पेटकर जो भारत के सबसे पहले पैरालिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट रहे, पर बेस्ड 'चंदू चैंपियन' के राइट्स सुशांत ने उनसे खरीदे थे. इस बात का जिक्र खुद मुरलीकांत पेटकर ने भी अपने एक इंटरव्यू में किया था.

हाल ही में कॉमेडी सीरीज 'दुपहिया' में नजर भुवन अरोड़ा ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे फिल्म 'चंदू चैंपियन' (Chandu Champion) के लिए पहली पसंद कार्तिक आर्यन नहीं बल्कि दिवगंत स्टार सुशांत सिंह राजपूत थे. यह जानकारी फिल्म के एक साल गुजर जाने के बाद आई जिसे खुद कभी कार्तिक ने भी रिवील नहीं की. लेकिन अब हिंदी रश को दिए इंटरव्यू में भुवन ने दावा किया कि यह फिल्म पहले सुशांत सिंह राजपूत करने वाले थे.
भुवन ने बताया कि एक बार एयरपोर्ट पर उनकी मुलाकात सुशांत से हुई थी, जहां सुशांत ने उन्हें बताया था कि उन्होंने मुरलीकांत पेटकर की बायोपिक के राइट्स खरीद लिए हैं और वह इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाले हैं। लेकिन 2020 में सुशांत के निधन के बाद यह फिल्म कार्तिक आर्यन को ऑफर की गई और उन्होंने इसे किया.
फिल्म में होना था सुशांत को
भारतीय एथलीट मुरलीकांत पेटकर जो भारत के सबसे पहले पैरालिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट रहे, पर बेस्ड 'चंदू चैंपियन' के राइट्स सुशांत ने उनसे खरीदे थे. इस बात का जिक्र खुद मुरलीकांत पेटकर ने भी अपने एक इंटरव्यू में किया था. भुवन ने आगे कहा, 'मैं एयरपोर्ट पर सुशांत से टकराया और उन्होंने मुझे बताया कि वह एक पैरालंपिक एथलीट के बारे में एक फिल्म करने जा रहे है. हम दोनों को एक्टिंग पसंद है और हम एक-दूसरे से बात करते थे, हमने फिल्म पर चर्चा की.'
अब मैं हूं तो वह नहीं
'फर्जी' स्टार ने कहा, 'यह बात मेरे ज़हन से निकल गई थी. जब 'चंदू चैंपियन' रिलीज़ हुई, तो मैंने मुरलीकांत सर का एक इंटरव्यू देखा जिसमें उन्होंने बताया कि शुरुआत में यह फिल्म सुशांत करने वाले थे. मुझे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन यह एक अजीब संयोग है कि उस वक्त मैं इस फिल्म से जुड़ा नहीं था, और अब जब मैं इसका हिस्सा हूं, तो सुशांत हमारे बीच नहीं हैं.'
कौन हैं मुरलीकांत पेटकर
कबीर खान के निर्देशन में बनी 'चंदू चैंपियन' 14 जून, 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई. कार्तिक आर्यन ने भारतीय तैराक मुरलीकांत का किरदार निभाया है. फिल्म की शुरुआत मुरलीकांत के संघर्ष से होती है, जब वे अपने गांव में पहलवानी करना चाहते थे, लेकिन परिवार और समाज के दबाव के कारण उन्हें छोड़ना पड़ा. इसके बाद, उन्होंने भारतीय सेना में भर्ती होकर बॉक्सिंग में रुचि ली. 1965 के युद्ध में घायल होने के बाद, उनके कोच अली सर (विजय राज) ने उन्हें तैराकी में ट्रेन्ड किया, और उन्होंने पैरालंपिक में गोल्ड मैडल जीतकर अपनी कड़ी मेहनत और डेडिकेशन का परिचय दिया.