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दिल्ली पुलिस को IAS पूजा खेड़कर का चैलेंज, HC में कहा- जांच करा लो

पूर्व प्रोवेशनर आईएएस पूजा खेड़कर पर तथ्यों को छुपाने और नकली दस्तावेज लगाकर आईएएस परीक्षा में बैठने और नौकरी पाने का आरोप है. दिल्ली पुलिस जांच कर रही है.

दिल्ली पुलिस को IAS पूजा खेड़कर का चैलेंज, HC में कहा- जांच करा लो
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 10 Oct 2024 12:20 PM IST

अपनी विकलांगता को लेकर विवादों में आई पूर्व प्रवोशनर आईएएस पूजा खेडकर आखिरकार जांच कराने को तैयार है. अग्रिम जमानत याचिका लेकर दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची पूजा खेडकर ने गुरुगुवार को कहा कि एम्स में मेडिकल जांच कराने को तैयार हैं. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने उनके विकलांगता प्रमाण पत्र पर सवाल उठाते हुए उसे जाली कहा था. पूजा खेडकर पर आरक्षण कोर्ट का गलत तरीके से इस्तेमाल कर नौकरी पाने और राजस्व को नुकसान पहुंचाने के अलावा अन्य कई तरह के आरोप हैं. इन सभी मामलों में उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.

दिल्ली हाईकोर्ट में पूजा खेडकर की ओर पेश हुए वकीलों ने कोर्ट को बताया कि वह दिल्ली पुलिस के उस दावे को चैलेंज करती हैं, जिसमें दिल्ली पुलिस ने उनके दिव्यांग प्रमाण पत्र को जाली बताया था. मामले की सुनवाई जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की कोर्ट में हुई. इस दौरान पुलिस के वकील ने अदालत को बताया कि पूजा खेड़कर सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के लिए पात्र नहीं थीं. बावजूद उन्होंने कई महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाया, कूट रचित दस्तावेज लगाए और नौकरी हासिल कर ली. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच के लिए 10 दिन और समय की मांग की.

अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी

दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तिथि मुकर्रर की है. इसी के साथ हाईकोर्ट ने खेडकर को गिरफ्तारी से भी राहत दी है. बता दें कि पुलिस ने पूजा खेड़कर की गिरफ्तारी पर जोर दिया था. कहा था कि यह एक बहुत बड़ी साजिश है. इस साजिश में पूजा खेड़कर अकेले नहीं हैं. ऐसे में इस साजिश में शामिल अन्य लोगों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए पूजा खेड़कर को अरेस्ट कर पूछताछ करना जरूरी है. उल्लेखनीय है कि मामले का खुलासा होने के बाद यूपीएससी ने बीते 31 जुलाई को ही उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी. इसी के साथ यूपीएससी ने भविष्य की अन्य परीक्षाओं में शामिल होने की पात्रता से वंचित कर दिया है. यूपीएससी ने यह कार्रवाई सिविल सेवा परीक्षा-2022 और सिविल सेवा परीक्षा-2023 के लिए जमा कराए गए दो अलग-अलग दिव्यांगता प्रमाण पत्रों को देखते हुए किया है.

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